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Naxal Free India: नौसेना के जवानों के साथ पीएम मोदी ने मनाई दीवाली, माओवाद के खात्मे को लेकर की ये बड़ी घोषणा

PM Modi Diwali Celebration: प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि आज देश माओवाद के खात्मे की ओर तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवाद का प्रभाव अब केवल तीन जिलों तक सिमट गया है और जल्द ही उन्हें भी मुक्त कर दिया जाएगा.

Naxal Free India: नौसेना के जवानों के साथ पीएम मोदी ने मनाई दीवाली, माओवाद के खात्मे को लेकर की ये बड़ी घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली समारोह के दौरान एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत दशकों पुराने माओवादी विद्रोह के खात्मे के अंतिम चरण का गवाह बन रहा है. गोवा में आईएनएस विक्रांत पर जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षाबलों को उनके अथक प्रयासों के लिए श्रेय दिया, जिन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के बुनियादी ढांचे को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया है.

तीन जिलों तक सिमटा माओवाद

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि आज देश माओवाद के खात्मे की ओर तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवाद का प्रभाव अब केवल तीन जिलों तक सिमट गया है और जल्द ही उन्हें भी मुक्त कर दिया जाएगा. पहले जहां 125 जिले गंभीर रूप से माओवाद से प्रभावित थे. उनमें से अब 100 से अधिक जिले अब शांति से दिवाली मना सकते हैं. प्रधानमंत्री ने इस सफलता का श्रेय सीधे तौर पर देश के पुलिस बलों के 'पराक्रम' को दिया.

बहुआयामी रणनीति से लाल गलियारे में हुआ परिवर्तन

प्रधानमंत्री मोदी ने माओवादी प्रभाव को कमजोर करने में सरकार की प्रभावी बहुआयामी रणनीति को विस्तार से बताया. यह रणनीति विकास, बुनियादी ढांचे के विस्तार और लक्षित सुरक्षा अभियानों का एक संयोजन रही है, जो विशेष रूप से आदिवासी और वन क्षेत्रों में सहायक सिद्ध हुई है. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले 124 जिले नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित थे. प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि कभी हिंसा से ग्रस्त रहा 'लाल गलियारा' अब 'हरित विकास क्षेत्रों' में परिवर्तित हो रहा है.

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आंतरिक सुरक्षा में बड़ा बदलाव

प्रधानमंत्री का ये बयान भारत की आंतरिक सुरक्षा में आए एक व्यापक बदलाव का संकेत हैं. केंद्र और राज्य बलों के बीच समन्वित प्रयासों, बुनियादी ढांचे के विकास और सामुदायिक सहभागिता के कारण माओवादी गतिविधियों में लगातार गिरावट आई है. उनके भाषण ने सुरक्षाकर्मियों के कल्याण के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता और प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए उनका मनोबल बढ़ाने का भी काम किया.

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