Chhattisgarh: परेशानी सुनने को तैयार नहीं अधिकारी, बरसात का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

Water Problem in MCB: अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा है. अपनी प्यास दूर करने के लिए ग्रामीण गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं. 

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पानी के लिए तरस रहें लोग

Bharatpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एमसीबी (MCB) जिले के विकासखंड भरतपुर (Bharatpur) ग्राम पंचायत मैनपुर के आश्रित ग्राम करवा में 70 ग्रामीण परिवार एक किमी दूर ढोंढी से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. गांव में वैसे तो तीन हैंडपंप (Hand Pump) हैं, लेकिन इनमें से दो खराब हैं. वहीं एक में आयरन युक्त लाल पानी निकलता है, जो पीने के लायक है ही नहीं... इस वजह से गांव के लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. हैंडपंप में जल जीवन मिशन के तहत सोलर पंप लगाया है, लेकिन उसे आज तक चालू नहीं किया गया है. 

हैंडपंप से निकलता है लाल पानी

बारिश में भी गांव के लोग ढोंढी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. जिले में मानसून की अच्छी बारिश के बावजूद ग्रामीणों की पानी की समस्या दूर नहीं हो सकी है. बारिश बीतने के कुछ ही दिनों में यहां पीने के साफ पानी के लिए ग्रामीण परेशान हो उठते हैं. गांव की देववती, सुमतिया, रूप्पुल व रमाबाई का कहना है कि गांव में जो हैंडपंप है, उससे से लाल पानी निकल रहा है और कुछ हैंडपंप खराब है. नल जल या जल जीवन मिशन का कार्य भी नहीं हुआ है, जिससे गांव के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. नदी, नाले और तालाब का पानी पीने योग्य नहीं है. ग्राम पंचायत मैनपुर की सरपंच सुशीला बैंगना ने कहा कि यह समस्या पुरानी है. 

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पीने के पानी के लिए परेशान हो रहे लोग

टंकी बनाई पर गांव में कनेक्शन नहीं 

गांव के राकेश, त्रिभुवन व पप्पू ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत एक साल पहले टंकी स्थापित कर सोलर पंप लगाया गया था. गांव में पाइप भी बिछाई गई थी. एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक घरों में नल कनेक्शन नहीं दिया गया. टंकी, सोलर पंप और मेन पाइप बिछाकर राशि निकाल ली गई. गांव के लोग ढोंढी का गंदा पानी पी रहे है. इस वजह से वे बीमारी के चपेट में आ रहे है. ग्रामीणों ने विधायक रेणुका सिंह से भी पेयजल समस्या का समाधान करने गुहार लगाई है. 

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पीएचई एसडीओ ने दी ये सलाह

मामले में पीएचई विभाग के एसडीओ प्रियलेश प्रसाद ने कहा कि गांव में खराब हैंडपंपों की जानकारी पर इसे ठीक किया गया था. ग्रामीणों को पानी में क्लोरीन डालकर पीने का उपयोग लाने की सलाह दी गई थी. हालांकि, नल जल और पीने के पानी के लिए कोई ठोस उपाय करने के लिए कोई जिम्मेदारी अधिकारी सामने नहीं आ रहे है.

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