Bilaspur News Today: बिलासपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग दंपत्ति ने अपने भांजे को बेटे की तरह पाला-पोसा और उसे अपनी सारी संपत्ति सौंप दी. उन्हें उम्मीद थी कि वह बुढ़ापे का सहारा बनेगा, लेकिन भांजे ने उन्हीं बुजुर्ग मामा-मामी को घर से निकालकर दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर कर दिया.
मामा-मामी की करोड़ों की संपत्ति हड़पी
Bilaspur News Today: बिलासपुर के कोनी थाना क्षेत्र के कंचन विहार निवासी 83 वर्षीय सुरेश मणि तिवारी और उनकी 80 वर्षीय पत्नी ललिता देवी की तीन बेटियां थीं, लेकिन बेटे की चाहत में उन्होंने अपनी सारी संपत्ति भांजे रामकृष्ण पाण्डेय के नाम कर दी. यह सोचकर कि भांजा बुढ़ापे में सहारा बनेगा. उन्होंने उसकी शादी से पहले ही सब कुछ उसे सौंप दिया. मगर कुछ ही महीनों में भांजे का असली चेहरा सामने आ गया.
अत्याचार और यातनाएं
संपत्ति नाम होते ही रामकृष्ण ने मामा-मामी के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया. उन्हें एक अंधेरे कमरे में 6 महीने 25 दिनों तक बंद रखा. जहां न तो पंखे की सुविधा थी और न ही बाथरूम की. इस दौरान बुजुर्ग दंपत्ति पर मानसिक और शारीरिक यातनाएं की गईं. भांजे ने अपनी मामा की बेटियों के साथ भी मारपीट की, जिससे उनकी मझली बेटी राजनांदगांव चली गई और 14 साल से वापस नहीं आई. छोटी बेटी को धमकाकर अपने पास रखा और परिवार या आसपास के लोगों से मिलने पर पाबंदी लगा दी.
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लालच का अंत नहीं
भांजे का लालच यहीं खत्म नहीं हुआ. उसने तिवारी परिवार की पांच कमरों की बड़ी हवेली, एक कार और दो मोटरसाइकिलें भी अपने नाम कर लीं. यहां तक कि जब तिवारी की बड़ी बेटी, जो हाईकोर्ट में काम करती थीं, उसका जब निधन हुआ, तो उसने उनके पेंशन की राशि पर भी कब्जा कर लिया. धीरे-धीरे भांजे ने कुल 30 लाख 19 हजार रुपये अपने नाम कर लिए.
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि किस तरह अंधा विश्वास और लालच का शिकार बनने से जीवन बर्बाद हो सकता है.
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