Maoist Encounter: माओवादियों ने स्वीकार किया है कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 16 जनवरी को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 18 नक्सली मारे गए थे, जो कि बरामद शवों से प्राप्त हताहतों की पिछली संख्या से छह अधिक है. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
यह मुठभेड़ दक्षिण बस्तर संभाग में बीजापुर जिले के पामेड़-बासागुड़ा-उसूर अक्ष के घने जंगल में हुई थी, जिसके बाद प्रतिबंधित आंदोलन की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 और सेंट्रल रीजनल कमेटी (सीआरसी) कंपनी के पांच महिलाओं सहित 12 नक्सलियों के शव बरामद किए गए.
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की दक्षिण बस्तर संभाग समिति ने एक बयान में कहा है कि मुठभेड़ में तेलंगाना राज्य समिति के सदस्य दामोदर सहित 18 नक्सली मारे गए. आईजी ने कहा कि नक्सलियों ने बयान में कहा है कि वे मुठभेड़ स्थल से छह शवों को ले जाने में सफल रहे. उन्होंने कहा, "यह माओवादियों के लिए उनके गढ़ में एक बड़ा झटका है."
सुंदरराज ने कहा कि नक्सली सुरक्षा बलों के हताहत होने का दावा कर रहे हैं और मुठभेड़ के दौरान ग्रामीणों पर अत्याचार का आरोप लगा रहे हैं, ताकि कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रहे. सुंदरराज ने कहा, "आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. हम इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे और माओवादी खतरे का खात्मा सुनिश्चित करेंगे." इससे पहले पुलिस ने कहा था कि उसने 12 में से 10 माओवादियों की पहचान कर ली है, जिनके शव बरामद किए गए हैं. पुलिस ने कहा था कि इन 10 माओवादियों पर कुल 59 लाख रुपये का इनाम था.
16 जनवरी के ऑपरेशन में बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 229वीं बटालियन और सीआरपीएफ की कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन (कोबरा) इकाइयों की पांच बटालियनें शामिल थीं.