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Naxal Surrender: माड़वी समेत 11 लाख के ईनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने डाले अपने हथियार, खुद से बताया ये कारण

Madvi Naxal Surrender: बिजापुर में 11 लाख रुपये के ईनामी कुल पांच नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. इस दौरान उन्होंने अपने नक्सलवाद छोड़ने के लिए कारण भी बताया. सरेंडर करने वालों में नक्सल संतू कोड़मे, पायकू पूनेम, गुडडू हपका, सोमारू माड़वी और भीमा कश्यप शामिल थे. 

Naxal Surrender: माड़वी समेत 11 लाख के ईनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने डाले अपने हथियार, खुद से बताया ये कारण
नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

Anti Naxal Operation: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों के खिलाफ सरकार और प्रशासन की सख्ती रंग ला रही है. ताजा मामला बिजापुर (Bijapur) से सामने आया है, जहां कुल पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) करके आम जिंदगी जिने का फैसला लिया है. 8 लाख रुपये के ईनामी पीएलजीए कंपनी सदस्य, दो लाख के ईनामी गंगालूर एरिया कमेटी पार्टी सदस्य और एक लाख के ईनामी जनताना सरकार अध्यक्ष समेत कुल 11 लाख रुपये के ईनामी माओवादियों ने पुलिस के सामने अपने हथियार डाल दिए. इनमें संतू कोड़मे, पायकू पूनेम, गुडडू हपका, सोमारू माड़वी और भीमा कश्यप शामिल थे.

“नियद नेल्ला नार” से हुए प्रभावित

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक के मार्गदर्शन और शासन द्वारा चलाये जा रहे “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर पश्चिम बस्तर डिवीजन  अन्तर्गत कुल पांच माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया.

साल 2024 में अब तक कुल 189 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. वहीं, विभिन्न माओवादी घटनाओं में शामिल 473 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है.

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संगठन छोड़ने की बताई ये कारण 

आत्मसर्पण करने वाले नक्सिलयों ने संगठन छोड़ने का कारण बताया. उन्होंने कहा कि संगठन में कार्यों की उपेक्षा करने, भेदभाव वाले व्यवहार और माओवादियों के द्वारा आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर उन्होंने समर्पण किया. साथ ही, प्रदेश सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए उक्त माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण करने पर इन्हें शासन की नीति के तहत 25-25 हजार रुपये नगद प्रोत्साहन राशि दी गई. 

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