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एक परिवार के 4 लोग अध्यक्ष बनने चुनावी मैदान में, नाम लेंगे वापस या होंगे आमने-सामने? कल होगा तय 

Nagariya Nikay Chunav News: छत्तीसगढ़ के गौरेला नगर पालिका चुनाव 2025 के नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद राजनीति में रोचक घटनाक्रम सामने आ रहे हैं. इस बार कुल आठ प्रत्याशियों ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है,लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में एक ही परिवार के चार सदस्यों  का अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरना है. 

एक परिवार के 4 लोग अध्यक्ष बनने चुनावी मैदान में, नाम लेंगे वापस या होंगे आमने-सामने? कल होगा तय 

Nikay Election 2025: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहे हैं. ये चुनाव कई निकायों और पंचायतों में बेहद दिलचस्प हो रहा है. कई जगह रिश्तेदारों ने ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरा है. इनमें कुछ तो पार्टियों के दिए टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं तो कोई निर्दलीय भाग्य आजमाने के लिए उतरा है. गौरेला नगर पालिका में तो पति-पत्नी, बेटा-बहू चारों ही चुनावी समर में हैं. मजे की बात ये है कि सभी ने अध्यक्ष पद के लिए ही नामांकन फॉर्म लिया है.इनके एक साथ चुनावी मैदान में उतरने की शहर में खूब चर्चा हो रही है. हालांकि कल तय हो जाएगा कि इनमें से कौन सा सदस्य चुनावी समर में डटे रहता है और कौन नाम वापस लेता है? 

गौरेला नगर पालिका चुनाव में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष जुबेर अहमद गटर भाई, उनकी पत्नी पूर्व अध्यक्ष शकीला बेगम, उनका बेटा जुनैद अहमद, और उनकी बहू ईरम फातिमा इन चारों ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है.

इस अभूतपूर्व स्थिति ने न केवल नगर की राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि मतदाताओं के मन में कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस तरह से चार नामांकन दाखिल करने के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं. चुनावी राजनीति में कई बार विरोधियों द्वारा नामांकन खारिज करवाने की कोशिश की जाती है. ऐसे में परिवार के चार लोगों द्वारा नामांकन भरना एक बैकअप योजना हो सकती है, ताकि अगर किसी का नामांकन रद्द हो जाए तो परिवार का कोई अन्य सदस्य मैदान में बना रहे. 

ये कारण भी 

परिवार की यह रणनीति राजनीतिक दवाब बनाने और विरोधियों को असमंजस में डालने के लिए भी हो सकती है.इससे विरोधी गुट को स्पष्ट नहीं होगा कि अंततः कौन प्रत्याशी मैदान में रहेगा..चुनावी नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक है. इस बात की संभावना है कि नामांकन भरने वाले चारों सदस्य आपसी सहमति से अंतिम समय में तीन नामांकन वापस ले लें और केवल एक सदस्य चुनाव लड़े. इससे विरोधी दल अंतिम समय तक भ्रम में रहेंगे और अपनी रणनीति नहीं बना पाएंगे.. 

यह एक शक्ति प्रदर्शन भी हो सकता है, जिससे यह दिखाया जा सके कि परिवार की राजनीतिक पकड़ मजबूत है और वे चुनाव में अपनी दावेदारी को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं.

हालांकि 29 जनवरी को हुई स्क्रूटनी (जांच प्रक्रिया) में इन चारों उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए हैं, जिससे अब ये चुनावी दौड़ में बने हुए हैं. हालांकि, अब सबकी नजर 31 जनवरी की तारीख पर टिकी है, जब नाम वापसी की अंतिम तिथि के बाद यह स्पष्ट होगा कि इस परिवार से कौन-सा सदस्य चुनावी मैदान में उतरेगा.गौरेला नगर पालिका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) के उम्मीदवारों के अलावा कई निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं.

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