Mukesh Chandrakar Murder : पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. मामले में मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर समेत बाकी के 4 आरोपियों की रिमांड खत्म हो गई है. इसके बाद सभी आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में किया पेश किया है. जहां से आरोपियों को न्यायिक हिरासत पर जेल भेजा गया है. मामले में अगली सुनवाई 21 तारीख को होगी. बता दें कि बीते दिन PWD विभाग ने आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के कई ठेके भी निरस्त कर दिए. मामले में मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है.
पुलिस ने अरेस्ट किए आरोपी
जानकारी के लिए बता दें कि मुकेश चंद्राकर की हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी सुरेश 3 जनवरी को हुई हत्या के बाद से फरार था. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 200 से ज्यादा CCTV फुटेज देखे थे और 300 से ज़्यादा मोबाइल नंबर ट्रेस किए थे. जिसके बाद सुरेश को हैदराबाद में उसके ड्राइवर के घर से पकड़ लिया गया.
प्लानिंग के साथ की गई हत्या
हत्या के पहले ही तीन अन्य आरोपी को 4 जनवरी को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों में मुकेश के चचेरे भाई दिनेश और रितेश चंद्राकर, और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके का नाम शामिल है. जांच में पता चला कि हत्या पूरी तरह से प्लानिंग के साथ की गई थी.
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मुकेश के साथ क्या हुआ था ?
दरअसल, घटना की रात मुकेश को उसके चचेरे भाई रितेश ने रात के खाने के बहाने बुलाया था. वहां उसे पहले बेरहमी से पीटा गया फिर उसका गला घोंटा गया और धारदार हथियार से हमला किया गया. हत्या के बाद शव को सेप्टिक टैंक में डालकर ऊपर से सीमेंट से ढक दिया गया ताकि किसी को पता न चले.
कैसे खुला मामला ?
मुकेश के लापता होने पर उसके भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जांच में मुकेश की आखिरी लोकेशन सुरेश चंद्राकर के ठिकाने की मिली. जब पुलिस ने छानबीन की, तो सेप्टिक टैंक पर नई सीमेंट की परत मिली. शक गहराने पर खुदाई की गई जहां से मुकेश का शव बरामद हुआ.
भ्रष्टाचार और हत्या का कनेक्शन
NDTV के लिए काम करने वाले स्वतंत्र पत्रकार मुकेश ने 120 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण घोटाले को उजागर किया था. ये प्रोजेक्ट सुरेश चंद्राकर को मिला था. रिपोर्ट के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे जिससे सुरेश को भारी नुकसान होने की आशंका थी. इसी वजह से सुरेश ने पत्रकार मुकेश की हत्या करवा दी.