विज्ञापन

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के करीबी के नाम पर दर्ज करोड़ों की सरकारी प्रॉपर्टी, छतरपुर PWD पहुंचा MP हाई कोर्ट

MP Government Property Fake Registry: 2004 में लेबर कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन 2005 में दावाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर स्टे ऑर्डर ले लिया. हालांकि जून 2025 में इस संपत्ति की रजिस्ट्री धीरेंद्र गौर और दुर्गेश पटेल के नाम कर दी गई.

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के करीबी के नाम पर दर्ज करोड़ों की सरकारी प्रॉपर्टी, छतरपुर PWD पहुंचा MP हाई कोर्ट

MP Government Property Fake Registry: छतरपुर में लोक निर्माण विभाग की लगभग 196 इमारतें ऐसी हैं जो लोक निर्माण विभाग के नाम से रजिस्टर्ड है. यह संपत्ति लगभग करोड़ की है, लेकिन आज भी लोगों का इस पर अवैध रूप से कब्जा हैं. कुछ लोगों ने तो इसको फर्जी रजिस्ट्री भी करवा लिया है. दरअसल, सरकारी प्रॉपर्टी फर्जी रजिस्ट्री का एक मामला सामने आया है, जो इमारत की रजिस्ट्री निजी नामों पर कर दी गई. इनमें से एक बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का यात्रा प्रभारी है.

धीरेंद्र कुमार गौर और दुर्गेश पटेल के नाम कर दी गई PDW की जमीन 

सरकारी इमारत के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर आशीष भारती को जांच के आदेश दिए हैं. यह इमारत बीच बाजार कोतवाली के पास बालाजी मंदिर के सामने है. रजिस्ट्री नौगांव निवासी धीरेंद्र कुमार गौर और दुर्गेश पटेल के नाम पर की गई है.

Latest and Breaking News on NDTV

धीरेंद्र शास्त्री के करीबी हैं धीरेंद्र कुमार गौर

धीरेंद्र गौर, धीरेंद्र शास्त्री का करीबी है. यह इमारत लगभग 4000 स्क्वायर फीट की यह एक मंजिला सरकारी संपत्ति पीडब्ल्यूडी विभाग की भवन पुस्तिका में 64वें नंबर पर हाउस ऑफ उमाशंकर तिवारी दफ्तरी कानून के नाम से दर्ज है. जिसे पीडब्ल्यूडी ने किराए के लिए आवंटित किया था. इसका किराया नियमित रूप से जमा होता रहा है.

Latest and Breaking News on NDTV

करोड़ों की सरकारी प्रॉपर्टी का फर्जी रजिस्ट्री

दरअसल, जब देश में राजशाही खत्म होने के बाद राजाओं-और नवाबों की संपत्तियों की इन्वेंट्री तैयार की गई थी. जो संपत्तियां व्यक्तिगत नहीं थीं, उन्हें सरकार के अधीन कर दिया गया. छतरपुर का यह भवन उस समय विंध्य प्रदेश सरकार की इन्वेंट्री में पीडब्ल्यूडी के नाम दर्ज किया गया था. उस समय जमीन राजस्व विभाग के पद पर कानून का पद होता था, जिसे ऑफिस के लिए आवंटन किया गया था. लेकिन इसके बाद भी कई लोग इस जमीन पर कब्जा किए हुए हैं, तो कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर इस भवन को दरोगा पंडित के नाम पर दिखाते हुए कोर्ट में दावा पेश कर दिया.

धीरेंद्र गौर और दुर्गेश पटेल के नाम की गई सरकारी संपत्तियां

2004 में लेबर कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के पक्ष में फैसला सुनाया. इस पर 2005 में दावाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर स्टे ऑर्डर ले लिया गया. कथित तौर पर कुछ अधिकारियों की लापरवाही के चलते नवंबर 2024 में गलत दस्तावेजों के आधार पर डिक्री जारी कर दी गई और जून 2025 में इस संपत्ति की रजिस्ट्री धीरेंद्र गौर और दुर्गेश पटेल के नाम कर दी गई.

ये भी पढ़ें: Karwa Chauth 2025 Wishes: 'करवा रानी करवा ले...' चांद का दीदार करने से पहले अपने पार्टनर को भेजे खूबसूरत संदेश, दे करवा चौथ की शुभकामनाएं

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close