वैलेंटाइन डे नहीं छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को मनाया जाएगा मातृ-पितृ पूजन दिवस, CM साय ने की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम में सम्मिलित होने के पश्चात भावुकता के साथ अपने माता-पिता को याद करते हुए बताया कि बचपन में उनके सिर से पिता का साया उठ जाने के पश्चात वह अपनी माता में ही पिता और माता का रूप देखते थे और निरंतर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते रहे. 

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छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को मनाया जाएगा मातृ-पितृ पूजन दिवस

CM Vishnu Deo Sai: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) रविवार को जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम कंडोरा में आयोजित मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि माता-पिता की सेवा से बढ़कर कुछ भी नहीं है इसलिए हम सभी को प्रतिदिन अपने माता-पिता के चरण छूकर आशीर्वाद लेना और उन्हें प्रणाम करना चाहिए. वे खुश रखेंगे तो जीवन सफल होगा. मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप मनाने की घोषणा भी की.

मुख्यमंत्री साय ने आयोजकों को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित करने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके गुरू ने कहा था कि माता-पिता भगवान से बड़े होते हैं. माता जन्म देती है. गर्भ में 9 माह तक रखने के बाद पालन-पोषण करती है. यदि माता-पिता खुश नहीं हैं तो सभी पूजा-पाठ व्यर्थ है. वेदों में भी माता-पिता का स्थान सर्वोच्च बताया गया है. मुख्यमंत्री ने धार्मिक कथाओं का उदाहरण देते हुए माता-पिता के महत्व को रेखांकित किया और सभी बेटे-बेटियों को अपने माता-पिता को खुश रखते हुए उनसे आशीर्वाद लेने और उनका आदर और सम्मान करने की अपील की.

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पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहने की अपील

कार्यक्रम को राजीव रंजन नन्दे और वनवासी आश्रम के योगेश बापट ने भी संबोधित किया. उन्होंने माता-पिता का महत्व बताते हुए उनका आशीर्वाद लेने और पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहकर अपने माता पिता की सेवा करने और उनका नाम रोशन करने की बात कही. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम में सम्मिलित होने के पश्चात भावुकता के साथ अपने माता-पिता को याद करते हुए बताया कि बचपन में उनके सिर से पिता का साया उठ जाने के पश्चात वह अपनी माता में ही पिता और माता का रूप देखते थे और निरंतर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते रहे. 

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'माता-पिता के आशीर्वाद की वजह से इस मुकाम पर हूं'

उन्होंने बताया कि आज भी उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेता हूं और मुझे लगता है कि आज मैं जिस मुकाम पर हूं, मुख्यमंत्री हूं उसमें मेरे माता-पिता का ही आशीर्वाद है. कार्यक्रम में शामिल बच्चों ने अपने माता-पिता की विधि विधान से पूजा की और माता पिता की सेवा करने का संकल्प भी लिया. मंच पर मुख्यमंत्री साय सहित अन्य अतिथियों का भी बच्चों ने अभिनन्दन कर आशीर्वाद प्राप्त किया.

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