Modi Cabinet 3.0: बीजेपी बड़े पदों पर नए चेहरों को मौक़ा दे रही है. विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में बीजेपी की जीत के बाद नए चेहरों को बड़े पदों पर बैठाया गया है. इसके बाद अब लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से चौंका दिया. बृजमोहन अग्रवाल, संतोष पांडेय, विजय बघेल के नामों की चर्चा के बीच नए चेहरे तोखन साहू (Tokhan Sahu) पर बीजेपी ने बड़ा कार्ड खेल दिया. पहली बार के सांसद तोखन साहू को केन्द्र (Modi Cabinet 3.0) में जगह दी गई है. दिनभर इंतज़ार के बाद छत्तीसगढ़ का नाम आते ही पूरे प्रदेश में जश्न का माहौल बन गया. तोखन ने कांग्रेस के देवेंद्र यादव को भारी वोट के अंतर से हराकर जीत का परचम लहराया है.
रविवार को पूरे देश के लिए सबसे बड़ा और अहम दिन था. देश के अल-अलग राज्यों से जीते हुए सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह दी गई. इनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल हो गया. दिनभर के इंतजार के बाद जैसे ही तोखन साहू के केन्द्र में शामिल होने की खबर मिली पूरे छत्तीसगढ़ में जश्न का माहौल बन गया. इससे पहले यहां से बृजमोहन अग्रवाल, संतोष पांडेय, विजय बघेल के नामों की चर्चा थी. लेकिन तोखन साहू का नाम फाइनल कर बीजेपी ने सभी को एक बार फिर से चौंका दिया.
तोखन ने पहली बार संसद पर कदम रखते ही दंडवत प्रणाम किया. इनके शपथ लेते ही पूरे प्रदेश में जश्न का माहौल रहा. तोखन राज्य मंत्री बनाए गए हैं. वे पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने हैं. बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में आने वाले सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपाइयों ने जश्न मनाया. भाजपा कार्यालय में आतिशबाजी की गई और एक-दूसरे का मुंह मीठा कर खुशियां जाहिर की.
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जानें क्या हैं वजहें
तोखन साहू के मोदी मंत्रीमंडल में जाते ही सबसे पहला सवाल यही है कि आखिर क्या वजह हो सकती है? दरअसल बीजेपी ज़मीनी स्तर से जुड़े हर कार्यकर्ताओं को मौक़ा देना चाहती है और दे भी रही है. परिवारवाद से दूर रहना चाहती है. तोखन ज़मीनीं नेता हैं. वे किसान हैं. बेहद साधारण चेहरा हैं. ऐसे में बीजेपी ने पहली बार की जीत के बाद भी उन्हें केंद्र में जगह मिली है. बीजेपी की ये रणनीतियां ही राजनीति में एक बड़ा लाभ पहुंचा रही है.
यहां सबसे बड़ी एक और बात सामने आई है कि टिकट बंटवारे के वक़्त साहू समाज के लोगों में नाराजगी थी. सिर्फ एक ही व्यक्ति को टिकट देने से समाज नाराज था. चूंकि साहू समाज के वोटर्स की यहां अधिकता है ऐसे में बीजेपी ने बड़ा रिस्क लेने से बची. समाज के लोगों से वादा किया था. इसी वादे को निभाते हुए अब तोखन साहू को केंद्र में जगह दी गई है.
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