आधुनिक खेती: छत्तीसगढ़ के किसान ने उगाए पीले तरबूज, कृषि विशेषज्ञ से जानिए इसके फायदे

Krishi News: किसान भरत राजवाड़े ने अब तक तरबूज की तीन किस्मों की खेती की है. केनापारा के किसान भरत नित नए प्रयोग (Innovative Farming) करते रहते हैं. विशेष रूप से ग्रीनहाउस (Greenhouse) खेती उनकी पसंदीदा रही है. उन्होंने बोर, कान, सूरन जैसी खेती के अलावा बड़े पैमाने पर मचान और अन्य सब्जियों की खेती करके भी अच्छा पैसा कमाया है. वे कृषि में प्रयोग करते रहते हैं.

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Farming News: गर्मियों के दिनों में तरबूजों की अच्छी आवक हो रही है. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में देसी तरबूजों (Desi Watermelon) के बीच रंग-बिरंगे तरबूज (Colorful Watermelon) लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं. यह तरबूज पीले (Yellow Watermelon) रंग के हैं. स्वाद में भी यह पीले तरबूज देसी तरबूज से ज्यादा मीठे और मुलायम होते हैं. यही कारण है कि लोग इन्हें खरीदने खेत (Khet) तक पहुंच रहे हैं. कोरिया जिले के ग्राम केनापारा में एक किसान इन तरबूजों की खेती कर रहे हैं. किसान (Farmer) भरत राजवाड़े अपनी अनोखी किस्म (New Variety of Watermelon) की खेती (Watermelon Farming) कर के अन्य किसानों की तुलना में अधिक आय (Farmers Income Double) कमा रहे हैं. लोगों के बीच भी तरबूज के रंग-बिरंगे किस्म की खेती चर्चा का विषय बनी हुई है.

Farmers News: छत्तीसगढ़ में उगाए गए पीले तरबूज

Kheti Kisani News: आधुनिक खेती से हुआ लाभ

किसान भरत राजवाड़े ने अब तक तरबूज की तीन किस्मों की खेती की है. केनापारा के किसान भरत नित नए प्रयोग (Innovative Farming) करते रहते हैं. विशेष रूप से ग्रीनहाउस (Greenhouse) खेती उनकी पसंदीदा रही है. उन्होंने बोर, कान, सूरन जैसी खेती के अलावा बड़े पैमाने पर मचान और अन्य सब्जियों की खेती करके भी अच्छा पैसा कमाया है. वे कृषि में प्रयोग करते रहते हैं.

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इस साल किसान भरत राजवाड़े ने तरबूज की तीन किस्मों की खेती की है. पहला वाला देशी तरबूज है, साथ ही उन्होंने पीले छिलके वाले तरबूज की दो किस्में उगाई हैं. जो लगभग तीन महीने में तैयार होती हैं. तरबूजों की आधुनिक खेती करने के कारण अब उनके खेत से तरबूज बिक रहे हैं.

Farmers News: छत्तीसगढ़ में उगाए गए पीले तरबूज

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स्वाद में मीठे होते हैं पीले तरबूज

यह तरबूज स्वाद में मीठे और पीले रंग के होते हैं. दो में से एक तरबूज पीले रंग का स्वाद मीठा होता है. जबकि एक किस्म ऐसी है कि आप इसके स्वाद में अनानास का स्वाद ले सकते हैं. यह तरबूज काफी नरम हैं. इन तरबूज का वजन करीब चार किलो तक होता है. किसान बताते हैं कि लोग छुट्टी के दिन केनापारा पहुंचते हैं, खेत से ही जैविक उत्पाद (Organic Product) खरीदने के लिए लोग यहां आ जाते हैं.

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किसान भरत राजवाड़े बताते हैं कि यह किस्म ऐसी है कि इसकी अच्छी मांग है, क्योंकि यह स्वाद में अद्वितीय है. मैंने तरबूज की खेती की है जिसका रंग ऊपर से हरा है जबकि इसे काटने के बाद उसका रंग पीला रहता है. इसी प्रकार सफेद रंग का करेला है, जो कोरिया जिले में अन्य कोई किसान नहीं करता है. वहीं पीली जुकुनी है, जो कद्दू की प्रजाति की सब्जी है और बहुत स्वादिष्ट भी है. इसे लोग सलाद और सब्जी दोनों के रूप में खा सकते है. इस तरह की अनोखी खेती कर के अन्य सब्जी की तुलना में ज्यादा दाम मिलता है.

क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ?

कोरिया जिले के कृषि विशेषज्ञ ने बताया है कि सीमित संसाधनों में अच्छी फसल पैदा करने के लिए किसान ताइवान से लाए जा रहे बीजों की खेती कर रहे हैं. छोटे और मध्यम गोल और चौकोर आकार के तरबूज एवं खरबूज देशभर में फल प्रेमियों द्वारा अधिक पसंद किए जाते हैं, क्योंकि इनमें कुल ठोस शर्करा (टीएसएस) की मात्रा 14 से 15 प्रतिशत तक होती है.

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