Wild Elephant Attack: रायगढ़ में जंगली हाथियों का आतंक; हमले में एक बालक समेत तीन की मौत

Wild Elephant Attack Chhattisgarh: अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गांव पहुंचे तथा शवों को पोस्टमार्टम के लिए लैलूंगा अस्पताल भेजा गया. उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार रुपये की तत्कालीन आर्थिक सहायता दी गई है. उपाध्याय ने बताया कि वन विभाग ने मामला दर्ज कर लिया है तथा ग्रामीणों को जंगल के भीतर जाने से मना किया गया है.

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Wild Elephant Attack Chhattisgarh: जंगली हाथी का आंतक, तीन की मौत

Wild Elephant Attack: रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथी-मानव संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. कभी हाथी के मरने कि तो कभी इंसानों के मरने की खबर आम हो हो गई. 23 जुलाई को धरमजयगढ़ वन मंडल के मोहनपुर और आंगेकेला में तड़के 3 बजे दो हाथियों ने मिलकर जमकर तांडव मचाया. उन्होंने घर को तहस नहस करते हुए घर में सो रहे तीन लोगों को जिसमें 1 महिला,1 पुरुष और 3 साल के बच्चे को कुचल कर मार डाला है. अधिकारियों ने बताया कि जिले के लैलूंगा वन परिक्षेत्र में मंगलवार रात हाथियों के हमले में सत्यम रावत (तीन), संतरा बाई राठिया (46) और पुरुषोत्तम खड़िया (48) की मौत हो गई.

क्या है मामला?

धरमजयगढ़ क्षेत्र के वन मंडल अधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि बीती रात दो अलग अलग गांव में मादा हाथी और उसके दंतैल शावक ने हमला किया जिससे तीनों की मौत हुई. उपाध्याय ने बताया कि मादा हाथी और उसके शावक ने पहले कुछ कच्चे मकानों में तोडफ़ोड़ की. बाद में अंगीकेला क्षेत्र के गोसाईडीह गांव में हाथी ने बालक सत्यम रावत को पटक पटक कर मार डाला. उन्होंने बताया कि इसके बाद हाथियों ने मोहनपुर गांव में हमला किया और संतरा बाई और पुरुषोत्तम खड़िया को भी मार डाला.

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अधिकारियों ने दी आर्थिक सहायता 

अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गांव पहुंचे तथा शवों को पोस्टमार्टम के लिए लैलूंगा अस्पताल भेजा गया. उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार रुपये की तत्कालीन आर्थिक सहायता दी गई है. उपाध्याय ने बताया कि वन विभाग ने मामला दर्ज कर लिया है तथा ग्रामीणों को जंगल के भीतर जाने से मना किया गया है.

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ग्रामीणों का क्या कहना है?

ग्रामीण का कहना है कि "हाथियों के आने से ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है. इधर बरसात होने के कारण हाथियों के भय के कारण ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं. बरसात होने के कारण क्षेत्र में बिजली की समस्या बनी रहती है. यही कारण है हाथी रात में गांव के नजदीक तक पहुंच जाते हैं."

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