First Phase Election Naxal Area: लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग हो गई है. छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट (Bastar Loksabha Seat) में शहर से लेकर धुर नक्सल इलाकों में भी बम्पर वोटिंग हुई है. इस बार चुनाव में नक्सलियों की धमकियां काम नहीं आईं और नक्सल इलाके में लोकतंत्र की जीत हुई. शुक्रवार की देर शाम तक जब धुर नक्सल इलाकों में चुनाव सम्पन्न कराकर हेलीकॉप्टर से पोलिंग पार्टियां वापस लौटी तो अफसरों ने उनका अलग अंदाज में स्वागत किया. ऐसा देख हर किसी कर्मचारी का मन गदगद हो गया.
बस्तर लोकसभा क्षेत्र में नक्सल गतिविधयों को देखते हुए इस बार चुनाव में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध थे. इस बार दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिला प्रशासन ने उन गांवों में भी मतदान कराने का बीड़ा उठाया, जो गांव नक्सलियों के कब्जे में रहे हैं. ऐसे इलाकों में हेलीकॉप्टर से मतदान दल भेजे गए. यहां नक्सली धमकियों के बीच ग्रामीणों ने अपने वोट डाले. ऐसे इलाकों में पोलिंग पार्टी का यहां पहुंच चुनाव कराना भी काफी जोखिम भरा था. जिन कर्मियों की ऐसे इलाकों में ड्यूटी लगाई गई थी बाकायदा उन्होंने अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया. जब टीम धुर नक्सली इलाकों में चुनाव निपटाकर वापस मुख्यालय लौटी तो अफसरों ने फूल माला पहनाकर कर्मचारियों का स्वागत किया.
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बता दें कि सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सिलगेर, चिंतलनार, नरसापुरम सहित अन्य गांवों के 42 मतदान केंद्रों को नक्सल गतिविधियों के कारण शिफ्ट क्या गया था. यहां के लिए 247 मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया था. जबकि दंतेवाड़ा जिले के नीलावाया, पोटली, बुरग़ुम गांवों के पोलिंग बूथों में हेलीकॉप्टर से मतदान कर्मियों को भेजा गया था. इनकी सकुशल जिला मुख्यालय वापसी हो गई है. इन कर्मचारियों ने बताया सुबह 7 बजे से मतदान प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी. शुरुआती कुछ घंटों में मतदान की गति धीमी रही लेकिन 11 बजे के बाद ग्रामीण मतदाताओं का हुजूम बढ़ गया और ग्रामीण मतदान करने के लिए उत्साहित दिखे.