Kisan Samman: मेहनत-लगन से बंजर ज़मीन को बना डाला कमाई का जरिया, ग्राफ्टेड बैंगन से हो रहा लाखों का मुनाफा

Farmers News: आज से तीन साल पहले जिस जगह पर हरियाली के नाम पर दो पीपल के पेड़ थे, आज वहां न सिर्फ सब्जियों की हरियाली है, बल्कि उम्दा किस्मों के आम, पपीता, अमरूद, जामुन के साथ ही हाइब्रिड नीबू और कटहल के पेड़ों से नज़ारा देखते ही बनता है. मेहनत और लगन से जहां कुंवर सिंह ने अपनी आमदनी बढ़ाया है, वहीं गांव के कई लोगों को रोज़गार का जरिया भी बने हैं.

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Success Stories: हर सफलता की कहानी का एक आरंभ होता है. एक ऐसा आरंभ जो जुनून, लगन और अथक प्रयासों से भरा होता है. यह कहानी है कुंवर सिंह मधुकर की, जिन्होंने बंजर जमीन (Barren Land) को उपजाऊ बनाकर सब्जी की खेती (Vegetables Farming) में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. किसान कुंवर सिंह न केवल आज जिले के किसानों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं, बल्कि खुद को भी आर्थिक रूप से सशक्त कर रहे हैं. इनके काम की सराहना प्रशासन के आला अधिकारी कर रहे हैं, तो वहीं सूबे के मुखिया विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) भी इस किसान (Farmer) की पीठ थपथापा चुके हैं.

कहां रहते हैं ये किसान?

जांजगीर चाम्पा जिले के पामगढ़ ब्लॉक के बारगांव मे रहने वाले कुंवर सिंह मधुकर युवा हैं. उन्होंने कोरोना (Covid-19) के बाद खालीपन से उबरने के लिए सब्जी की खेती की तैयारी शुरू की थी. शुरुआत में किसान ने देशी बैगन के कुछ पौधे लगाए. आसपास के लोगों ने टोका भी लेकिन कुंवर सिंह लगाते रहे. परिणाम औसत से भी कम रहा, पैदावार न के बराबर हुआ, पर मधुकर ने हार नहीं मानी और उद्यानिकी विभाग के विशेषज्ञों की सलाह ली.

उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने ग्रेजुएट युवक के हौसले को देखकर मदद की और उसे ग्राफ्टेड बैगन उगाने की सालह दी, फिर क्या था कुंवर सिंह की सफलता की गाड़ी चल पड़ी, बेकार पड़े बंजर जमीन कम कीमत में मिली तो और खरीद लिया.

इन दिनों कुंवर सिंह 18 एकड़ में सब्जी उगाते हैं, जिसमें 6 एकड़ में बैंगन, 3 एकड़ में टमाटर और बाकी बचे हिस्सों में परवल, बरबटी जैसी सब्जियां उगाकर मुनाफा कमा रहे हैं.

ओड़िशा में भी है इनकी सब्जियों की मांग

कुंवर सिंह के द्वारा उगायी गईं सब्जियों की मांग स्थानीय मंडियों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य ओड़िशा में भी है. हॉर्टीकल्चर  विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर ये किसान उसमें हर नई और उम्दा तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. 

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सरकार की ओर से कंवर सिंह मधुकर को वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के अंतर्गत 55 प्रतिशत अनुदान 10 एकड़ में दिया गया. वहीं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना वर्ष 2022-23 घटक ग्राफ्टेड बैगन 0.400 हेक्टेयर में 30,000 रुपए शेड नेट हाउस बनाने के लिए 14.20 लाख रुपए दिया गया, जिसमें वह खीरा और टमाटर लगाकर लाखों रुपए का मुनाफा कमा चुके हैं. इसी तरह राष्ट्रीय कृषि विकास योजना वर्ष 2023-24 में मल्चिंग के लिए चयनित होने पर उन्हें 32 हजार रुपए की राशि प्राप्त होगी.

आज से तीन साल पहले जिस जगह पर हरियाली के नाम पर दो पीपल के पेड़ थे, आज वहां न सिर्फ सब्जियों की हरियाली है, बल्कि उम्दा किस्मों के आम, पपीता, अमरूद, जामुन के साथ ही हाइब्रिड नीबू और कटहल के पेड़ों से नज़ारा देखते ही बनता है. मेहनत और लगन से जहां कुंवर सिंह ने अपनी आमदनी बढ़ाया है, वहीं गांव के कई लोगों को रोज़गार का जरिया भी बने हैं.

इतना मुनाफा बनाया

किसान कुंवर सिंह मधुकर की मेहनत और विभागीय योजनाओं से मिले लाभ का नतीजा कुछ ही महीनों में सामने आने लगा. मधुकर ने ग्राफ्टेड बैंगन से अब तक 6 एकड़ में 19लाख रुपए का शुद्ध लाभ प्राप्त किया और अभी तुड़ाई होनी बाकी है, जिसमें अनुमानित और 5 से 6 लाख का लाभ होगा. यही नहीं उन्होंने ग्राफ्टेड टमाटर की खेती लगभग 4 एकड़ में की, जिससे 4.25 लाख का मुनाफा हुआ है. इसके अलावा 1 एकड़ में खीरा से 2 लाख का मुनाफा हुआ है. इस प्रकार उद्यानिकी फसल से कृषक को आर्थिक लाभ हो रहा है. बाजार में उनके बैंगन और टमाटर की बहुत मांग है, धीरे-धीरे वे आसपास के किसानों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं.

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