
CG School Education: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में जैसे-जैसे बरसात अपने शबाब पर आती है, वैसे-वैसे लोगों की मुसीबतें बढ़ जाती है. बरसाती पानी से जगह-जगह पानी भर जाता है, नदी और नाले उफान पर होते हैं, जिससे दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में स्कूल जाने वाले बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए दिल-दिमाग की जगह जान की बाजी लगानी पड़ती है.
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पुल नहीं होने से जान जोखिम में डालकर नाला पार करना पड़ता है
रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासी बहुल कांकेर जिले में बरसात के दिनों में बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए बेहद ही मुश्किल समय का सामना करना पड़ता है. सड़कों पर जगह-जगह भरे बरसात के पानी से स्कूल पहुंचने में काफी दिक्कत होती है. कई जगह पर नालों पर पुल न होने से बच्चों को काफी देर तक इंतजार कर जान जोखिम में डाल नाला पार करना पड़ता है.
स्कूली बच्चे हर रोज एक नाला पार कर कानागांव में स्कूल पहुंचते हैं
यह नजारा कांकेर जिला मुख्यालय से 100 किमी दूर अन्तागढ़ विकासखण्ड अंतर्गत केसालपारा में आम है, जहां स्कूली बच्चे हर रोज एक नाला पार कर कानागांव में स्कूल पहुंचते है. सालों से बच्चे बरसात में इस नाले को पार कर स्कूल आते जाते है, लेकिन अभी तक बच्चों के स्कूल पहुंचने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा सके हैं.
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पुल नहीं होने के कारण बारिश के दिनों हालात ज्यादा खराब हो जाते हैं
गौरतलब है सालों से ग्रामीण पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक पुल नही बनने के कारण स्कूली बच्चों को मजबूरन नाला पार कर स्कूल जाना पड़ता है. परिजनों का कहना है कि बारिश के दिनों हालात ज्यादा खराब हो जाते हैं, जब तक बच्चे लौट नहीं आते उनकी चिंता सताती रहती है. हालांकि क्षेत्रिय विधायकने वादा किया है कि जल्द पुल का निर्माण होगा.
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