नाबालिग छात्रा के गर्भवती और अबॉर्शन मामले पर कलेक्टर ने लिया बड़ा एक्शन, अधीक्षिका सस्पेंड, आगे ये होगा

Chhattisgarh : कांकेर जिले में एक सरकारी हॉस्टल की छात्रा के प्रेग्नेंट हो जाने के मामले में कलेक्टर ने बड़ा एक्शन लेते हुए अधीक्षिका को सस्पेंड कर दिया है.

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Chhattisagrh News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक सरकारी आवासीय विद्यालय की नाबालिग छात्रा के गर्भवती होने के मामला का खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले की शिकायत के बाद कलेक्टर ने ये एक्शन लिया है. जबकि अधीक्षिका विनीता कुजीर को सस्पेंड कर दिया गया है. पखांजूर क्षेत्र के SDM अंजोर सिंह पैकरा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच दल को दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.

होगी सख्त कार्रवाई 

 जिले के एक गांव के सरपंच और ग्रामीणों ने शुक्रवार को स्थानीय विधायक विक्रम उसेंडी से इस संबंध में शिकायत की थी, जिसके बाद उन्होंने कांकेर जिले के कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को इसकी जानकारी दी. अंतागढ़ सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक विक्रम उसेंडी ने कहा कि जब किसी ग्रामीण ने उनसे छोटेबेठिया क्षेत्र में लड़कियों के आवासीय विद्यालय की छात्रावास अधीक्षक के बारे में शिकायत की तब वे दौरे पर थे.

उसेंडी ने कहा कि  ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत की है कि महिला छात्रावास अधीक्षक अपनी मर्जी से छात्रावास चला रही है और कथित तौर पर छात्रावास में रहने वाली लड़कियों से जबरन काम करवाती है.

अधीक्षक को छात्रावास में रात भर रुकना चाहिए, लेकिन वह छात्रावास परिसर छोड़कर अपने सोने के लिए अपने घर चली जाती हैं और लड़कियों को केवल एक महिला चपरासी के साथ छोड़ देती है. उसेंडी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर कलेक्टर से बात की और उनसे शिकायतों की जांच कराने तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है. 

 शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कांकेर कलेक्टर ने छात्रावास अधीक्षक विनीता कुजूर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और 200 सीटों वाले लड़कियों के छात्रावास के लिए एक नई अधीक्षक की नियुक्ति की गई है.

कलेक्टर ने मामले की जांच करने और दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया है.

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ये है मामला 

शिकायत में कहा गया है कि छात्रावास की एक छात्रा को किसी अज्ञात व्यक्ति ने गर्भवती कर दिया, जिसके बाद उसका गर्भपात गुप्त रूप से कर दिया गया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि लड़की को परीक्षा में बैठने की भी अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने छात्रावास अधीक्षक को हटाने और उसके खिलाफ जांच की मांग की. छात्रावास अधीक्षक ने लड़की के गर्भवती होने की जानकारी मिलने के बाद उसे गर्भपात के लिए घर भेज दिया और इस मामले की सूचना न तो वरिष्ठ अधिकारियों को दी और न ही इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

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