बीमार पत्नी को 5 KM तक गोद में लेकर चला पति, दावों की पोल खोल रहा ये वीडियो, लोगों में गुस्सा

Viral Video MCB  : सड़क न होने की वजह से एक पति को अपनी पत्नी को इलाज के लिए पांच किलोमीटर तक गोद में लेकर चलना पड़ा. अब इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ये घटना एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ के सरभोका गांव की है.  

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बीमार पत्नी को 5 KM तक गोद में लेकर चला पति, दावों की पोल खोल रहा ये वीडियो, लोगों में गुस्सा

Chhattisgarh News :  छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ से स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाली खबर फिर से आई है. बता दें, सरभोका के आश्रित ग्राम नवाडीह की पंडो बस्ती में सड़क नहीं है, जिससे एक महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए उसके पति को 5 किलोमीटर तक गोद में उठाकर ले जाना पड़ा. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहा है. इस बात को लेकर गांव वालों गुस्सा है. खास बात ये है कि ये जिला प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला भी है.

सड़कों की बदहाली कब होगी दूर

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महिला के पति ने बताया कि सड़कों की बदहाली के कारण उन्हें यह कष्ट सहना पड़ा. मुख्य सड़क तक पहुंचने के बाद ही एंबुलेंस उपलब्ध हो सकी. ग्रामीण रमेश पंडो ने बताया कि यह पहली बार नहीं है. हाल ही में एक गर्भवती महिला को खाट पर उठाकर अस्पताल ले जाया गया था. उन्होंने कहा, सड़क, पानी, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से हम बहुत परेशान हैं. सरकार ने अब तक हमारी कोई सुध नहीं ली.

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'हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे'

ग्रामीणों ने कहा- अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. स्थानीय निवासी कान्ति पाल ने बताया कि क्षेत्र में पीने के पानी के लिए सिर्फ एक कुआं है, जो सूखने पर सरभोका नाला का सहारा लेना पड़ता है. उन्होंने कहा,हम सरकार से सड़क, पानी और मकान पट्टे की सुविधा देने की मांग करते हैं.

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वन विभाग से अनुमति का इंतजार 

कलेक्टर के पास पट्टा तैयार है, लेकिन वह अब तक हमें दिया नहीं गया. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए सरपंच से संपर्क किया गया, लेकिन सरपंच ने कहा कि यह जमीन वन विभाग के अंतर्गत आती है. वन विभाग से अनुमति न मिलने के कारण सड़क का निर्माण नहीं हो सका.

चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि गायब

ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि विधायक और स्वास्थ्य मंत्री चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कभी झांकने तक नहीं आते. उनकी ओर से किए गए वादे आज तक अधूरे हैं.

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ग्रामीणों का अल्टीमेटम

ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. उन्होंने कहा, हम सड़क, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं के बिना नहीं रह सकते. यह हमारे जीवन का अधिकार है.

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