छत्तीसगढ़ में आदिवासी नेता और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश में जिस मुठभेड़ में नक्सली कमांडर माडवी हिडमा मारा गया उसमें वरिष्ठ माओवादी नेता देवजी की भूमिका है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, जो अब अपने संगठन ‘बस्तरिया राज मोर्चा' का नेतृत्व करते हैं, ने दावा किया कि देवजी ने फायदा उठाने और खुद को बचाने के लिए हिडमा की मौत की साजिश रची. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक संवाददाता सम्मेलन में मनीष कुंजाम ने यह आरोप लगाए.
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मनीष कुंजाम ने कहा कि हिडमा को सभी बड़ी (नक्सली) घटनाओं का सूत्रधार बताया जा रहा है, फिर आंध्र प्रदेश से आए पढ़े-लिखे लोगों का क्या (जो माओवादी के तौर पर सक्रिय थे), क्या वे सिर्फ घास छील रहे थे? सारा इल्जाम हिडमा पर डाल दिया. कुंजाम ने आरोप लगाया कि देवजी न तो गिरफ्तार हुआ है और न ही मारा गया है. वह आंध्र प्रदेश सरकार के मेहमान के तौर पर आराम से कहीं बैठा है. उन्होंने आंध्र प्रदेश के नक्सली नेताओं पर बस्तर के आदिवासी युवाओं को हथियारबंद आंदोलन के लिए 'हथियार देने और उकसाने' का भी आरोप लगाया.
आत्मसमर्पण की अपील करता हूं
कुंजाम ने कहा कि ‘मैं (माओवादी नेताओं) हिर्रा, सुकमा में देवा और दूसरों से आत्मसमर्पण करने की अपील करता हूं. आंध्र या तेलंगाना जाने की जरूरत नहीं है. अगर, जरूरत पड़ी तो मैं उन्हें वापस लाने और आत्मसमर्पण करने में उनकी मदद करने जाऊंगा.
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18 नवंबर को हुआ था मुठभेड़ में मारा गया था हिड़मा
बता दें कि 18 नवंबर को सुकमा-बीजापुर-आंध्र बॉर्डर के जंगलों में हुई संयुक्त मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिड़मा, उसकी पत्नी राजे और पांच अन्य नक्सलियों को ढेर कर दिया था. वहीं, जनवरी 2024 से छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 450 से अधिक माओवादी मारे गए हैं, जिनमें कई केंद्रीय समिति के सदस्य और महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू जैसे बड़े नक्सली शामिल हैं. पिछले महीने केंद्रीय समिति के सदस्य रूपेश समेत लगभग 300 नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण किया था, जबकि नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति और 60 दूसरे नक्सलियों ने पड़ोसी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में हथियार डाल थे.
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