
Ambikapur Mazar and Mandir Issue: अंबिकापुर के प्रसिद्ध दरगाह शरीफ तकिया मजार और मंदिर को ग्राम पंचायत ने अंजुमन कमेटी के कब्जे से मुक्त कराने का दावा किया है. पंचायत ने मंगलवार से मजार और मंदिर पर अपना कब्जा बताया. इसके बाद विवाद बढ़ गया. पुलिस ने मामला शांत कराते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है. इस दौरान ग्रामीणों ने मजार के आसपास सफाई कार्य करते हुए अपना अधिकार का दावा भी किया है.
दरअसल, अंबिकापुर नगर सीमा से लगे ग्राम पंचायत तकिया में हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक दो बड़े मजार शरीफ, मस्जिद और एक वन देवी का मंदिर है. इसकी देखरेख के साथ-साथ यहां होने वाले वार्षिक उर्स का संचालन अंजूमन इस्लाहूल कमेटी करीब 80 वर्षों से करती आ रही है, लेकिन हाल के कुछ वर्षों से तकिया मजार और वन देवी मंदिर के रख रखाव को लेकर ग्राम पंचायत और अंजुमन कमेटी के बीच विवाद चल रहा था.
ग्राम पंचायत के खर्चे से होती है मजार और मंदिर की देखरेख
ग्राम पंचायत का आरोप है कि मजार और मंदिर के देखरेख का खर्च पंचायत मद से होता था, जबकि अंजुमन कमेटी मजार पर अपना मालिकाना हक जमा बैठी थी. चंदे और चढ़ावे के पैसे को अंजुमन कमेटी रखा करती थी, जबकि कमेटी कलेक्टर को ऑडिट रिपोर्ट भी नहीं सौंपती थी.
ग्राम सभा बुलाकर रखा प्रस्ताव
ग्राम पंचायत लंबे समय से इसका विरोध कर रही थी. वहीं, ग्राम पंचायत ने मंगलवार को ग्राम सभा बुलाकर तकिया मजार को अंजुमन कमेटी के कब्जे से मुक्त कराने का प्रस्ताव रखा. जहां सर्व सहमति से प्रस्ताव को पारित करते हुए दरगाह शरीफ तकिया मजार को ग्राम पंचायत ने अपने हैंड ओवर में ले लिया है. इस दौरान काफी गहमागहमी का माहौल रहा.
अंजूमन कमेटी व ग्रामीण के बीच तनातनी को देखते हुए पुलिस ने शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए दोनों पक्षों को थाने में बुलाया. इस दौरान मजार, मस्जिद और मंदिर का मालिकाना हक के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है. तब तक मजार व मंदिर का संचालन पहले की तरह करने का आदेश दिया है.
वहीं, अंजूमन इस्लाहूल कमेटी अंबिकापुर के नायब सदर अफजल अंसारी का कहना है कि ग्राम तकिया स्थित मजार, मस्जिद और मंदिर सभी वक्फ के अंतर्गत आते हैं. ऐसे में जिस तरह ग्राम पंचायत के लोगों ने जो काम किया है वह गलत है. अंजूमन सभी के कागजात जिला प्रशासन के सामने प्रस्तुत करेगा.