ये है सरकारी दफ्तर के शौचालय, गंदगी से पटे... हाल ऐसा कि लोग जाने से भी कतराते

Surajpur : जिले की नई डिप्टी कलेक्टर चांदनी कंवर ने कहा कि नगर निगम के तहत सफाई होती है और दफ्तरों में भी नियमित सफाई के निर्देश दिए जाते हैं. जहां शौचालय टूटे-फूटे हैं या खराब हैं, उन्हें जल्द ठीक करवाया जाएगा.

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ये है सरकारी दफ्तर के शौचालय, गंदगी से पटे... हाल ऐसा कि लोग जाने से भी कतराते

Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. सरकारी दफ्तरों में बनाए गए शौचालयों की हालत बहुत खराब है. देशभर में स्वच्छता अभियान के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन इन दफ्तरों के टॉयलेट इन सब योजनाओं को ठेंगा दिखा रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के कई सरकारी दफ्तरों के शौचालयों में न सफाई होती है, न ही कोई देखरेख. कई जगह बाथरूम गंदे पड़े हैं, कहीं टॉयलेट टूटे हुए हैं. कई यूरिनल खराब हैं और कहीं पानी ही नहीं आता. कुछ शौचालयों के दरवाजे टूटे हुए हैं, तो कुछ की दीवारें पान-गुटखे से लाल कर दी गई हैं. लोग इन शौचालयों में जाने से बचते हैं क्योंकि अंदर गंदगी इतनी है कि बीमारी का डर बना रहता है.

स्वच्छ भारत मिशन पर उठे सवाल

सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई पर भारी रकम खर्च की है. लेकिन जो दफ्तर इन योजनाओं को चलाते हैं, उनके ही शौचालय इतने गंदे हैं कि लोग बाहर से आकर अंदर जाने से कतराते हैं. करोड़ों रुपये की लागत से बने दफ्तरों में जब बुनियादी सुविधा यानी साफ टॉयलेट नहीं हैं, तो बाकी हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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इस लापरवाही की जिम्मेदारी सिर्फ अफसरों की ही नहीं है, बल्कि उन लोगों की भी है जो इन शौचालयों का इस्तेमाल करते हैं. अपने घरों में तो लोग सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं... लेकिन सरकारी टॉयलेट में नियम ताक पर रख देते हैं.

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डिप्टी कलेक्टर ने दिया बयान

जिले की नई डिप्टी कलेक्टर चांदनी कंवर ने कहा कि नगर निगम के तहत सफाई होती है और दफ्तरों में भी नियमित सफाई के निर्देश दिए जाते हैं. जहां शौचालय टूटे-फूटे हैं या खराब हैं, उन्हें जल्द ठीक करवाया जाएगा. सवाल ये है कि नई अफसर की बातों पर नीचे के कर्मचारी कितना अमल करते हैं और कब तक ये शौचालय साफ होते हैं. सरकारी दफ्तरों की हालत सुधरेगी या नहीं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

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