High Court ने घरौंदा सेंटर्स की बदहाली पर दिखायी सख्ती, इंस्पेक्शन के दिए आदेश

Bilaspur High Court: अब अगले महीने जनवरी 2025 में होने वाली सुनवाई इस मामले की दिशा तय करेगी. यह मामला महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े प्रशासनिक दावों की सच्चाई उजागर करने में अहम साबित हो सकता है.

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Gharaunda Shelter Home: छत्तीसगढ़ में संचालित घरौंदा सेंटरों (Gharaunda Centres) की स्थिति और वहां रह रही महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा पर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट (CG High Court) में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट कमिश्नरों को संबंधित केंद्रों का निरीक्षण करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. अब अगली सुनवाई जनवरी 2025 के तीसरे सप्ताह में निर्धारित की गई है.

कोर्ट में क्या कुछ हुआ?

पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने हलफनामा प्रस्तुत करते हुए बताया था कि घरौंदा महिला केंद्र को डिपूपारा, बिलासपुर से तिफरा, बिलासपुर स्थित शासकीय भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है. सरकार ने यह भी कहा कि नए भवन में महिलाओं के रहने के लिए पर्याप्त स्थान है और रखरखाव का कार्य प्रगति पर है. हालांकि, न्यायालय ने इस हलफनामे को पर्याप्त नहीं माना और अधिकारियों को मौके पर निरीक्षण करने का आदेश दिया।

9 दिसंबर, 2024 को हुई सुनवाई में, समाज कल्याण विभाग के सचिव ने शपथपत्र दाखिल किया. लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया कि केंद्रों की स्थिति का वास्तविक आकलन जरूरी है. कोर्ट कमिश्नरों को निरीक्षण के लिए भेजकर नई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है. साथ ही, सचिव, समाज कल्याण विभाग रायपुर को भी अगली सुनवाई तक एक विस्तृत हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया गया है.

यह मामला राज्य में महिला और बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा है, जिससे न्यायालय ने गहरी संवेदनशीलता दिखाई है. केंद्रों की बदहाली को लेकर न्यायालय ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी. अब सबकी नजरें कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट और राज्य सरकार के अगले कदमों पर हैं.

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