Free Fire: मोबाइल गेम की लत ऐसी लगी कि बच्चे ने कर लिया सुसाइड, तनाव से नहीं जीत पाया

Free Fire Game: गेम खेलने के दौरान कई तरह के लेवल क्रॉस करने होते हैं. गेम के भीतर कौन किस पोजीशन में है, इस बात को लेकर भी उसके डिग्निटी या सम्मान का ख्याल रखा जाता है. अक्सर ऑनलाइन गेम में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले टीनएजर को कई तरह के अपमानजनक नाम से बुलाया जाता है.

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Free Fire Mobile Game: बिलासपुर जिले में मोबाइल गेम (Mobile Game) के लत (Video Game Addiction) में एक नाबालिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामला ऐसा है कि बिलासपुर के बेलगहना पुलिस चौकी क्षेत्र में रहने वाले एक 16 साल के लड़के को लगातार फ्री फायर मोबाइल गेम (Free Fire Mobile Game) खेलने की लत लगी थी, इसकी वजह से वह काफी परेशान और डिप्रेशन (Depression) में रहा करता था. ये जानकारी पुलिस (Police) को उसके दोस्तों ने दी है. लिहाजा पुलिस आत्महत्या (Suicide) के संभावित सभी कारणों की जांच कर रही है और इस मामले में एडिशनल एसपी ग्रामीण अर्चना झा ने स्पष्ट कर दिया है कि, जांच के बिंदु में मोबाइल वीडियो गेम के एडिक्शन भी मुख्य वजह हो सकती है.

मोबाइल गेम "फ्री फायर" की वजह से आत्महत्या

महज़ 16 साल के लड़के ने अचानक जंगल में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. इस मामले में जितना मृतक के परिवार वालों को चौंकाया है उतना ही पुलिस को भी हैरान किया है. बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार एक नाबालिग इस तरह के निर्णय किन परिस्थितियों में ले सकता है? आखिर खुद की जान लेने के पीछे इतनी बड़ी कौन सी वजह हो सकती है?

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पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से जांच कार्रवाई शुरू कर दी है. प्राथमिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार 16 साल के इस लड़के के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि, वह अक्सर मोबाइल में फ्री फायर गेम देर तक खेलता रहता था. इसकी वजह से कई बार वह परेशान और डिप्रेशन में भी रहने लगा था. यही वजह थी कि वह दोस्तों से भी ज्यादा खुलता-मिलता नहीं था. ऐसे में बहुत संभव है कि उसने मोबाइल फोन और फ्री फायर वीडियो गेम की वजह से ही आत्महत्या कर ली होगी. फिलहाल कोटा पुलिस (Kota Police) इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

पुलिस ने क्या कहा?

इस पूरे मामले में मिली जानकारी के अनुसार एडिशनल एसपी अर्चना झा ने बताया कि बिलासपुर जिले के बेलगाना पुलिस चौकी के ग्राम करही कछार में रहने वाले 16 साल के इस बच्चे ने घर से दूर जंगल में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कर उसे पीएम के लिए भेज दिया है, अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस की जांच करवाई आगे बढ़ेगी.

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ग्रामीण क्षेत्र की युवाओं में मोबाइल एडिक्शन

इस पूरे मामले में पुलिस ने इस बात को सतही स्तर पर पता लगा लिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शहर की तुलना में युवाओं को और खासकर किशोर अवस्था में रहने वाले युवाओं में मोबाइल एडिक्शन ज्यादा देखने को मिल रहा है. इंटरनेट के संपर्क में आने के बाद ऑनलाइन वीडियो गेम के माध्यम से घंटों अपने साथियों के साथ संपर्क में रहने वाले इन युवाओं को अब इसकी लत लग गई है.

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खिलाड़ी को किया जाता है अपमानित

गेम खेलने के दौरान कई तरह के लेवल क्रॉस करने होते हैं. गेम के भीतर कौन किस पोजीशन में है, इस बात को लेकर भी उसके डिग्निटी या सम्मान का ख्याल रखा जाता है. अक्सर ऑनलाइन गेम में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले टीनएजर को कई तरह के अपमानजनक नाम से बुलाया जाता है. उदाहरण के लिए नए खिलाड़ी या बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले को "नोबड़ा" कहा जाता है. ऐसे खिलाड़ी जो नए हैं और टीम के साथ मिलकर अच्छा नहीं खेल पाए, उन्हें अपने लेवल बढ़ाने की हमेशा फिक्र रहती है, गेम के दौरान कई तरह के आर्म, ड्रेस और गन खरीदने की जरूरत पड़ती है, जिसके लिए गेम स्कोर पॉइंट, रीडीम कोड या फिर पैसे की दरकार होती है.

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