सेल की सबसे बड़ी स्टील कंपनी भिलाई स्टील प्लांट के लौह अयस्क खदान में भारी घपले का मामला सामने आया है. ये घपला स्टील प्लांट के प्रबंधन औऱ ठेकेदार की मिलीभगत से हो रहा है जिससे कंपनी को लाखों का चूना लग रहा है. दरअसल ठेकेदार से मिली भगत करके भिलाई स्टील प्लांट यानी BSP प्रबंधन क्षमता से अधिक अयस्क का परिवहन कर लाखों रुपए की रॉयल्टी चोरी कर रहा है. इस बड़े घपले पर्दाफाश तब हुआ BSP के क्रेशर में ले जाने वाली वाहनों को रोककर कांटा पर्ची की जांच की गई.
यूं हुआ रॉयल्टी चोरी का खुलासा
दरअसल भिलाई स्टील प्लांट महामाया और दुलकी माइंस से कच्चा माल निकालता है और उसे सड़क मार्ग से दल्ली राजहरा में स्थित बीएसपी के क्रेशर में ले जाता है. शुक्रवार को कलेक्टर कुलदीप शर्मा के आदेश पर नायब तहसीलदार बी रूद्रपति स्टेट हाईवे क्रमांक 5 पर ग्राम गोटूलमुंडा चौंक पर गाड़ियों की जांच कर रहे थे. तभी उन्हें BSP की गाड़ियां ओवरलोड दिखीं. जिसके बाद ग्राम खैरवाही में स्थित डामर प्लांट के निजी धर्मकांटा में गाड़ियों का वजन करवाया गया. जिसमें एक से डेढ़ टन लौह अयस्क ज्यादा पाया गया. मामले का खुलासा होते ही हड़कंप मच गया.
जिसके बाद स्थानीय नेता मौके पर पहुंच गए और हंगामा करने लगे लेकिन BSP का कोई पदाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. नायब तहसीलदार बी रूद्रपति के मुताबिक नायब तहसीलदार बी रूद्रपति ने बताया कि बीएसपी प्रबंधन के द्वारा महामाया और दुलकी माइंस में आयरन ओर परिवहन में चलने वाली गाड़ियों के वजन, कागजात, रायल्टी आदि की जांच की गई तो महामाया माइंस की 5 दस चक्का हाइवा और ढुलकी माइंस की दो बारह चक्का हाइवा में क्षमता से अधिक माल परिवहन किया जाना पाया गया.
बी रूद्रपति
उधर इस पूरे मामल में नगर पालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन ने भी BSP प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि BSP प्रबंधन ठेकेदारों के साथ मिलकर अतिरिक्त कच्चा माल से अवैध कमाई करता है और राशियों की बंदरबांट होती है.
संतोष देवांगन
वहीं इस पूरे मामले में जानकारी लेने के लिए जब संबंधित माइंस के BSP अधिकारियों को फोन लगाया गया तो सभी ने अपने फोन बंद कर रखे थे. जब कंपनी के रिस्पेशन पर बात की गई तो कहा गया कि भिलाई स्थित PRO ही मामले की जानकारी देंगे. बता दें कि दल्लीराजहरा स्थित अयस्क खदान में होने वाले अयस्क परिवहन में हेराफेरी के मामले पहले भी आ चुके है लेकिन कोई बड़ा एक्शन नहीं हुआ. अब देखना ये है कि सरकारी खजाने को इस कदर चूना लगाने के मामले में BSP का उच्च प्रबंधन क्या कार्रवाई करता है.
क्या प्रबंधन करेगा उचित कार्रवाई?
पूरा काम बीएसपी प्रबंधन के अंतर्गत किये जाने के चलते ज्यादातर मामले उजागर नही हो पाता । वही जिला प्रशासन के निर्देश पर हुई इस कार्यवाही से बीएसपी के अधिकारियों द्वारा ओवरलोड परिवहन के माध्यम किस तरह रॉयल्टी की चोरी कर सरकारी खजाने को ही चुना लगाने का कार्य किया जा रहा है इस कार्यवाही के बाद मामला उजागर हो गया। बहरहाल देखना होगा बीएसपी प्रबंधन के अधिकारियों के नाक के नीचे चल रहे आयरन ओर की इस अफरा तफरी के मामले को लेकर आगे किस तरह की कार्यवाही की जाती है।