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This Article is From Apr 26, 2024

छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी CM का छलका दर्द, कहा- अगर मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलता तो खुशी होती 

Chhattisgarh Deputy CM : छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंह देव ने कहा कि अगर मुझे मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का मौका मिलता तो खुशी होती. मैं भी अपनी तरफ से छत्तीसगढ़ के लिए कुछ करने की कोशिश करता. उन्होंने कहा कि बंद कमरे की बात है इसलिए इसकी अभी भी मैं मर्यादा रखना चाहूंगा

छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी CM का छलका दर्द, कहा- अगर मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलता तो खुशी होती 
छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी CM का छलका दर्द, कहा- अगर मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलता तो खुशी होती 

Chhattisgarh Latest News in Hindi : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व डिप्टी CM और कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता टीएस सिंह देव ने IANS से बातचीत में राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने पर खुलकर अपनी बात रखी. टीएस सिंह देव ने कहा कि अगर मुझे मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का मौका मिलता तो खुशी होती. मैं भी अपनी तरफ से छत्तीसगढ़ के लिए कुछ करने की कोशिश करता. उन्होंने कहा कि बंद कमरे की बात है इसलिए इसकी अभी भी मैं मर्यादा रखना चाहूंगा. कैसे तय हुआ, क्या नहीं हुआ और क्या-क्या बात रखी गई थी. चर्चा थी और मीडिया में काफी चर्चा हो रही थी, ढाई-ढाई साल के लिए CM बनाए जाने वाले बात की. लेकिन, किन्हीं कारणों से यह नहीं हो सका.

क्या बोले पूर्व डिप्टी CM ? 

टीएस सिंह देव ने कहा कि जब निर्णय लिया गया मैं राजनीति में कभी भी नहीं आना चाहता था. मैं कांग्रेस पार्टी का सदस्य भी नहीं बना था. कांग्रेस आई थी तो वह सदस्यता अभियान में उनके सदस्य नहीं बन रहे थे. मेरी मां और बहन को जेल जाना पड़ा था. उनकी लाठी-डंडों से पिटाई की गई थी. नाक और हाथ टूटा हुआ था. तब भी मैं पार्टी का सदस्य नहीं था. जब सदस्यता अभियान चलाया जा रहा था और उस समय जो सदस्यता के फॉर्म भर रहे थे. एक दिन मिले अंबिकापुर के पास, जीप से उतकर बोले बाबा बड़ी गड़बड़ हो रही है. कोई पार्टी का सदस्य नहीं बनना चाह रहा है और उस दिन मैंने कांग्रेस की सदस्यता ली.

"मुझे CM बनने का मौका मिलता तो..."

उन्होंने आगे कहा, "मेरा सौभाग्य है कि जहां भी रहा हूं, मैं उस समूह के अनुशासन को भी मानता हूं, परिवार में हूं तो परिवार का अनुशासन, राजनीति में हूं तो राजनीति का अनुशासन, अपनी राय होती है तो उसको भी पार्टी, परिवार के सामने रखता हूं. पार्टी मुखिया ने जो निर्णय लिया फिर मैं उसके हिसाब से चलता हूं. मुझे मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का मौका मिलता तो खुशी होती. मैं भी अपनी तरफ से छत्तीसगढ़ के लिए कुछ करने की कोशिश करता. लेकिन नहीं मिला तो पार्टी हाईकमान का फैसला है. उसके सम्मान में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं."

विधानसभा चुनावों में मिली थी हार 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव से पहले टीएस सिंह देव ने खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया था. पार्टी से उनकी नाराजगी खुलकर सामने आने लगी थी. विधानसभा चुनाव में उतरे टीएस सिंह देव अपनी अंबिकापुर सीट भी नहीं बचा पाए. उन्हें भाजपा के राजेश अग्रवाल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने आईएएनएस से बातचीत में सैम पित्रोदा के इनहेरिटेंस टैक्स (विरासत कर) और गौरव वल्लभ के कांग्रेस छोड़ने पर भी जवाब दिया. सैम पित्रोदा के विरासत कर वाले बयान पर उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस मामले पर देश की जनता को इतना ज्यादा गुमराह कर रहे हैं, जो दुख की बात है.

गौरव वल्लभ के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने पर टीएस सिंह देव ने कहा कि उनको झारखंड से टिकट चाहिए था, मैं उस कमेटी का हिस्सा था. तब, गौरव वल्लभ ने कहा था कि मुझे अगर झारखंड से टिकट मिल जाए, फिर वह राजस्थान से टिकट चाह रहे थे. उनको टिकट नहीं मिला. वह पार्टी छोड़कर चले गए. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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