बालोद से एक बड़ी और गंभीर खबर सामने आई है, जहां एक किसान के बिना जानकारी और बिना अनुमति उसके धान के रकबे को ऑनलाइन सिस्टम में समर्पित कर दिया गया. इस गड़बड़ी के चलते किसान अब अपना धान बेचने के लिए समिति से लेकर एसडीएम और जिला प्रशासन के चक्कर लगाने को मजबूर है. मामला बालोद जिले के गुरुर विकासखंड अंतर्गत दर्रा सोसायटी का है, जहां एक किसान का आरोप है कि उसके शेष बचे धान को उसकी सहमति के बिना ही सिस्टम से हटा दिया गया.
दरअसल, ग्राम दियाबाती निवासी किसान फगनू राम साहू ने 10 दिसंबर को अपने लगभग साढ़े पांच एकड़ खेत से उत्पादित धान में से 42 क्विंटल 40 किलो धान दर्रा समिति में विक्रय किया था. इसके बाद जब किसान ने शेष बचे धान को बेचने के लिए ऑनलाइन टोकन के लिए आवेदन किया, तो सिस्टम में यह दर्शाया गया कि किसान ने स्वयं शेष धान को न बेचने की सहमति दी है. हालांकि किसान का साफ कहना है कि उसने ऐसी कोई सहमति न तो दी है और न ही कोई आवेदन किया है.
किसान के अनुसार, उसके 72 क्विंटल 80 किलो धान को उसकी जानकारी और अनुमति के बिना ही समर्पण कर दिया गया. इस मामले को लेकर किसान के बेटे खुलेश्वर साहू ने दर्रा सोसायटी के प्रबंधक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके जैसे दर्जनों किसान हैं, जिनका रकबा बिना जानकारी के समर्पित कर दिया गया है.
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धान न बिक पाने से परेशान किसान फगनू राम साहू ने क्षेत्रीय विधायक के साथ कलेक्टर से मुलाकात कर पूरे मामले की शिकायत की. इस पर कलेक्टर ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है. वहीं इस पूरे मामले पर विधायक संगीता सिन्हा ने भी साफ कहा है कि किसानों की बिना अनुमति धान का समर्पण किया जाना पूरी तरह गलत है और जिला प्रशासन को इस पर संज्ञान लेकर तत्काल सुधार करना चाहिए.