
Farmer Attempted suicide in government office : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक मुख्यालय में स्थित उपपंजीयन (सब रजिस्ट्रार) कार्यालय में बुधवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक किसान ने रजिस्ट्री नहीं होने से क्षुब्ध होकर जहर पीने का प्रयास किया. यह घटना कार्यालय के भीतर ही घटी और मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए किसान की जान बचा ली.
छत्तीसगढ़: बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक मुख्यालय में स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक किसान ने रजिस्ट्री नहीं होने से क्षुब्ध होकर जहर पीने का प्रयास किया. यह घटना कार्यालय के भीतर ही घटी और मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए किसान की… pic.twitter.com/W1jBtavHIN
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) May 29, 2025
क्या है पूरा मामला?
गुंडरदेही ब्लॉक के किसान रामकुमार साहू अपने पैतृक जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवाने के लिए पिछले एक साल से प्रयासरत हैं. लेकिन उनके अनुसार, रजिस्ट्री की प्रक्रिया उनकी बहन के आधार कार्ड में नाम की त्रुटि के चलते अटकी हुई थी. किसान का कहना है कि वह इस त्रुटि को ठीक करवाने के लिए लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला.
किसान के नाटकीय विरोध को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया
कथित रूप से निराश होकर बुधवार को किसान रामकुमार साहू उपपंजीयन कार्यालय पहुंचे और अपने पास रखी जहर की शीशी दिखाते हुए आत्महत्या की धमकी देने लगे. इस दौरान उनके पुत्र द्वारा पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं, विभागीय कर्मचारियों ने भी किसान के नाटकीय विरोध को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया.
कार्यालय कर्मियों ने बचाई जान
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही किसान ने जहर पीने की कोशिश की, वहां मौजूद लोगों ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें रोका और तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. चिकित्सकों की निगरानी में फिलहाल किसान की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
विभाग का पक्ष
इस मामले में उपपंजीयक शशिकांत ने बताया कि किसान बुधवार को अचानक एक कागज लेकर कार्यालय पहुंचे और रजिस्ट्री संबंधी जानकारी मांगने लगे. जब उनसे पंजीयन से जुड़े दस्तावेज मांगे गए, तो बिना कोई दस्तावेज प्रस्तुत किए ही हंगामा करने लगे. उपपंजीयक ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी है.
प्रशासन पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से जमीन पंजीयन प्रक्रिया की जटिलताओं और आधार कार्ड की त्रुटियों के चलते होने वाली आम जनता की परेशानियों को उजागर कर दिया है। किसान संगठनों ने घटना को गंभीर बताते हुए शासन-प्रशासन से जांच की मांग की है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. यह देखा जाना बाकी है कि किसान की ओर से लगाए गए आरोपों में कितनी सच्चाई है और इसमें विभागीय लापरवाही की भूमिका कितनी रही.
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