रायगढ़ : छत्तीसगढ़ से एक हाथी की मौत की खबर सामने आ रही है. अनुमान है कि करंट लगने से हाथी की मौत हुई है. छत्तीसगढ़ में अक्सर बड़ी संख्या में हाथी जान गंवाते रहते हैं. इनमें से ज्यादातर की मौत मानव-हाथी संघर्ष में होती है. साल 2001-02 से लेकर 2010-11 तक प्रदेश में कुल 42 हाथी मारे गए. आगे के वर्षों में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा और 2011-12 से 2022-23 तक प्रदेश में कुल 157 हाथियों की मौत हुई. हाथियों की मौत के लिए खनन जैसे विकास कार्य बड़े पैमाने पर जिम्मेदार हैं.
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में रविवार को एक खेत में कथित तौर पर करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. धरमजयगढ़ मंडल के वन अधिकारी अभिषेक जोगावत ने बताया कि लगभग 40-45 वर्षीय एक नर हाथी का शव मेडारमार गांव के निकट सुबह लगभग चार बजे मिला. उन्होंने कहा, 'प्रथमदृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि घटनास्थल पर बिजली की बाड़ की मौजूदगी के कारण हाथी की मौत करंट लगने से हुई है. यह हाथी देव सिंह राठिया नामक व्यक्ति के खेत में घुस गया था.'
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चार साल में 50 हाथियों ने तोड़ा दम
उन्होंने बताया कि मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा. उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है. पिछले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ में 50 से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है और इनमें से ज्यादातर हाथियों की मौत सरगुजा, कोरबा, बलरामपुर, सूरजपुर, रायगढ़, जशपुर और कोरिया जिलों में हुई हैं.
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