Chhattisgarh : एक तरफ जहां केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए करोड़ों की योजनाएं बना रही है. वहीं, दूसरी तरफ इन योजनाओं का लाभ देने के नाम पर कई अधिकारी अपना फायदा उठा रहे हैं. मामला दुर्ग जिले का है, जहां केंद्र की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों के नाम पर करोड़ों रुपयों की गड़बड़ी की गई है. NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट में हमारे संवाददाता ने 20 गांवों के 110 से ज्यादा किसानों से बात की. जिसमें सामने आया कि योजना के जिम्मेदार लोगों ने किसानों को मिले पैसों को वापस मांग लिया. जी हां, आपने सही पढ़ा. इन अधिकारियों ने हर लाभार्थी किसान से 20 हजार से 40 हजार रुपये तक की धोखाधड़ी की. ऐसे में अगर एक एक किसानों से औसतन 20-40 हजार गड़बड़ी के आधार पर आंकलन करें तो दोनों परियोजनाओं के 550 किसानों से टोटल 2 करोड़ रुपयों की गड़बड़ी सामने आ रही है.
किसानों के साथ हुआ क्या ?
दुर्ग जिले में किसानों को सिंचाई सुविधा देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सिंचाई उपकरण मिलने थे. लेकिन यह योजना किसानों के बजाय अधिकारियों के लिए पैसे कमाने का जरिया बन गई. इस योजना में सैकड़ों किसानों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई. बताते चलें कि वाटरशेड डेवलपमेंट कॉम्पोनेंट के अंतर्गत दुर्ग जिले के दो ब्लॉक - दुर्ग और पाटन - में "ढाबा नाला" और "कुर्मी गुंडरा" नाम की दो परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. इन परियोजनाओं के तहत 550 से अधिक किसानों को लाभार्थी बनाया गया. योजना के नियम के अनुसार, किसानों को सिंचाई उपकरण सब्सिडी पर मिलने थे. फॉर्म भरने और अंश राशि जमा करने के बाद किसानों के बैंक खातों में 44 हजार रुपये जमा हुए जिनसे किसानों को उपकरण खरीदने थे. लेकिन असल में किसानों को उपकरण नहीं मिले और उनसे पैसे वसूले गए. दो किसानों ने अपनी आपबीती बताई.
अन्नदाताओं ने बताई आपबीती
❝ मैंने सिंचाई के लिए पाइप और स्प्रिंकलर के लिए फॉर्म भरा था. खाते में 44 हजार रुपये आए, लेकिन विभाग के साहब ने ये पैसे मांग लिए. आज तक मुझे कोई उपकरण नहीं मिला. उपकरण मांगने पर 8 हजार रुपये और मांगे जा रहे हैं. ❞ - दुर्जन देशमुख
❝ मैंने स्प्रिंकलर पाइप के लिए फॉर्म भरा था और खाते में 45 हजार रुपये मिले. पैसा मिलते ही फॉर्म भरने वाले व्यक्ति ने मुझसे पैसे वापस करने की बात की. पैसे नहीं देने पर कार्रवाई की धमकी दी, जिससे डरकर मैंने 44 हजार रुपये वापस दे दिए. लेकिन आज तक कोई सामग्री नहीं मिली और अब वे और पैसों की मांग कर रहे हैं. ❞ - गिरवर लाल
अधिकारियों पर लगे ये आरोप
किसानों ने बताया कि फॉर्म भरवाकर उनके खातों में पैसे डाले गए और फिर उन्हें कोर्ट-कचहरी का डर दिखाकर पैसे वापस ले लिए गए. किसान जब उपकरण मांगते हैं तो उनसे और पैसे मांगे जाते हैं.
सुदर्शन सिंह खरे ने बताया‚ ❝ खाते में आए 44 हजार रुपये उनसे ले लिए गए और बदले में 9-10 हजार रुपये के केवल 30 प्लास्टिक पाइप दिए गए. ❞
इस घोटाले में 40% से ज्यादा किसानों ने 52-54 हजार रुपये विभाग के एजेंटों को दिए लेकिन उन्हें सिर्फ 10-12 हजार रुपये के उपकरण ही मिले. योजना का लाभ किसानों तक नहीं पहुंचा और उनकी मेहनत की कमाई एजेंटों की जेब में चली गई. ऐसे में किसानों की मांग है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
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मामले को लेकर जब जिम्मेदारों से बात की गई तो जिले के उप संचालक कृषि संदीप कुमार भोई ने क्या कहा? आप भी पढ़िए :
संदीप कुमार भोई
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