Dantewada : मलगेर नाला पर पुल नहीं, लाश को कांवड में रख 5 किमी पैदल चले परिजन, देखिए वीडियो

Dantewada News: छतीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में DMF (जिला खनिज न्यास निधि) के करोड़ों रुपए विकास के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं. नक्सल उन्मूलन के नाम पर सालाना केंद्र सरकार और राज्य सरकार का करोड़ों रुपए का बजट खर्च होता है. लेकिन अंदरूनी इलाकों में आज भी ग्रामीण कई सारी सुविधाओं को मोहताज हैं. अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के सरकार के सारे दावे फेल साबित हो गए हैं.

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ग्रामीण के शव को कावड़ पर ढोकर मलगेर नाला पार करते परिजन

Family kept the dead body in Kavad: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada)जिले के अंदरूनी इलाको में स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजऱ आ रही है. सरकार के तमाम दावे नक्सलियों के आधार क्षेत्र में फेल हैं . ऐसी ही एक तस्वीर जिले के कुआकोंडा ब्लॉक के जबेली, रेवाली इलाके से सामने आई है. यहां के एक ग्रामीण की मौत हो जाने पर शव  को कावड़ पर लेकर मलगेर नाला पार कर 5 किमी पैदल चलने मजबूर होना पड़ गया. 

दंतेवाड़ा अस्पताल में एक 45 वर्षीय ग्रामीण की ईलाज के दौरान मौत हो गयी. जहाँ परिजनों ने सरकारी शव वाहन से 50 किलोमीटर दूर जबेली के बचेलीपारा पहुँचे पर आगे मलगेर नदी पर ब्रिज नही होने की वजह से परिजनों ने शव को कावड़ में रखकर नदी पार किया. #ndtvmpcg #chhattisgarh #dantewada pic.twitter.com/UNY4JFSSRj

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— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) January 6, 2024 p>

पुल नहीं तो हो रही परेशान

दरअसल दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में रेवाली ताड़पारा के एक ग्रामीण  की मौत हो गई थी. इसके शव को सरकारी एम्बुलेंस (Ambulence)से गांव के लिए भेजा गया. बाकायदा जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर जबेली के बचेलीपारा मलगेर नाला तक एम्बुलेंस पहुंच भी गई. लेकिन यहां पुल नहीं होने के कारण लाश को यहीं उतारना पड़ गया. रोते-बिलखते ग्रामीणों ने कावड़ पर लाश को ढो कर नाले को पार किया. फिर 5 किमी पैदल चलकर अपने घर तक पहुंचे.  इसके लिए ग्रामीणों को खूब परेशान होना पड़ गया. दरअसल यह पहली बार नहीं है जब इलाके के ग्रामीणों को ऐसी समस्या झेलनी पड़ी है. इसके पहले भी कई बार ग्रामीण इसी तरह परेशान होते हैं. 

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खौफ के कारण नहीं बन पाया पुल 

बता दें कि ये पूरा इलाका नक्सलियों का गढ़ है. ऐसे में विकास के काम करना शासन-प्रशासन के लिए चुनौती रहती है. इस नाले पर पुल बनाने की मांग भी कई बार ग्रामीण कर चुके हैं. लेकिन नक्सलियों के खौफ के कारण शासन- प्रशासन यहां पुल बनाने की जहमत नहीं उठा पा रहा है. ऐसे में इस इलाके के ग्रामीणों को काफी परेशान होना पड़ रहा है. बता दें कि करीब आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण यहां पुल नहीं बनने से परेशान हैं. इन्हें जरुरत के सामानों के लिए इस नाला को पार कर ही जाना पड़ता है. 

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