Sukma Naxal Factory: दक्षिण बस्तर के घने जंगलों में सुरक्षाबलों की सटीक रणनीति और जज़्बे के आगे नक्सलियों की एक और बड़ी साज़िश नाकाम हो गई. सुकमा DRG (डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व ग्रुप) की टीम ने एक बड़े और सफल सर्च ऑपरेशन को अंजाम देते हुए, माओवादियों की एक गुप्त हथियार निर्माण फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. इस फैक्ट्री से सुरक्षा बलों ने 17 देसी रायफलें, बीजीएल लांचर, भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बनाने वाली मशीनें बरामद की हैं. जानकारी के मुताबिक, यह फैक्ट्री माओवादियों द्वारा घने जंगलों के बीच तैयार की गई थी. यहां देसी बंदूकें, ग्रेनेड लांचर और विस्फोटक उपकरण बड़े पैमाने पर बनाए जा रहे थे.
मौके से बरामद सामानों में बीजीएल लॉन्चर,12 बोर रायफल,सिंगल शॉट राइफल,देसी कट्टा,गन बैरल व मशीन पार्ट्स,ड्रिल मशीन,ग्राइंडर,वेल्डिंग शील्ड और स्टील पाइप शामिल हैं. इन अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए नक्सली इलाके में "छोटे पैमाने का युद्ध" छेड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सुकमा पुलिस की मुस्तैदी और सटीक इंटेलिजेंस ने उनकी इस खतरनाक कोशिश को पूरी तरह नाकाम कर दिया.
DRG की कार्रवाई से हड़कंप
ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीम जब जंगल के भीतर इस ठिकाने तक पहुँची, तो वहाँ कई हथियार अधूरी अवस्था में मिले. बरामद मशीनों से यह साफ संकेत मिला कि यह फैक्ट्री लंबे समय से चल रही थी और यहां बड़ी संख्या में हथियार तैयार हो रहे थे. सुकमा SP किरण चव्हाण ने इस कार्रवाई को नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया.उन्होंने ज़ोर दिया कि सुरक्षाबल अब जंगल के हर कोने में अपनी पैठ बना रहे हैं. SP ने कहा कि उनका लक्ष्य सिर्फ ऑपरेशन करना नहीं, बल्कि स्थायी शांति और विकास लाना है.
सालभर में नक्सल नेटवर्क की टूटी कमरं
सुकमा पुलिस के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि सुकमा इलाके में नक्सल नेटवर्क की कमर टूट चुकी है. अब तक 545 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 454 गिरफ्तार किए गए हैं और 64 हार्डकोर नक्सली ढेर हुए हैं। इन लगातार और प्रभावी कार्रवाइयों से नक्सलियों का नेटवर्क पूरी तरह चरमरा गया है. जिन इलाकों में कभी बंदूकों की आवाज़ से दहशत थी वहां आज सड़कें, स्कूल और पुनर्वास केंद्र बन रहे हैं.
मुख्यधारा में लौटने वालों का स्वागत
SP किरण चव्हाण ने इस मौके पर एक बार फिर अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार की नीति साफ है—जो हिंसा छोड़कर समाज की मुख्य धारा में लौटना चाहता है,उसे पूरा सम्मान और सुरक्षा मिलेगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षा,रोजगार और पुनर्वास के जरिए अब बस्तर को भयमुक्त बनाया जा रहा है.SP चव्हाण ने कहा कि हिंसा का अंत ही बस्तर की नई शुरुआत है.
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