
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके निवास पर मुलाक़ात की. बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार, रक्षा क्षेत्र के विकास, पूरे प्रदेश में सेना भर्ती रैलियों के आयोजन, और नौसैनिक पोतों के नामकरण जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई. इस अवसर पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने बैठक में रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि बिलासपुर में रक्षा मंत्रालय की भूमि है. उन्होंने इस भूमि को बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध किया और प्रदेश में रक्षा क्षेत्र से संबंधित विकासात्मक कार्य आरंभ करने का सुझाव दिया.
छत्तीसगढ़ में विशेष सेना भर्ती रैली
मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ में सेना में भर्ती के प्रति युवाओं में विशेष उत्साह है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं में अनुशासन, शारीरिक क्षमता और देशभक्ति की भावना है. इसी आधार पर उन्होंने रक्षा मंत्री से पूरे प्रदेश में विशेष सेना भर्ती रैलियों का आयोजन करने का आग्रह किया, ताकि युवाओं को अपने ही प्रदेश में देश सेवा का अवसर मिल सके.
नई दिल्ली में आज रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी से सौजन्य भेंट की।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) October 6, 2025
बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार हेतु रक्षा मंत्रालय की भूमि उपलब्ध कराने, राज्य में रक्षा एवं एयरोस्पेस सेक्टर के विकास, पूरे प्रदेश में सेना भर्ती रैलियों के आयोजन और नौसैनिक पोतों के नाम छत्तीसगढ़ की… pic.twitter.com/DdpI7Coap3
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की सांस्कृतिक पहचान और गौरवशाली परंपराओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की नदियाँ इंद्रावती और महानदी केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि प्रदेश की आत्मा हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि रक्षा मंत्रालय जब भी नए नौसैनिक पोतों या जहाजों को लॉन्च करें, तो उनमें से कुछ का नाम छत्तीसगढ़ की नदियों और क्षेत्रों के नाम पर रखा जाए, जैसे INS इंद्रावती, INS महानदी या INS बस्तर. यह न केवल प्रतीकात्मक रूप से सुंदर होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरव प्रदान करेगा.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को प्रोत्साहित करने की योजना की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” विज़न के अनुरूप है और इससे छत्तीसगढ़ में उच्च तकनीकी प्रशिक्षण, अनुसंधान और निजी निवेश के अवसर बढ़ेंगे.
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