Chhattisgarh NAN Scam के आरोपी टुटेजा और शुक्ला के मामले में घिरी ED, सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा देकर मांगा जवाब

Raipur Latest News: न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि 2019 में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दाखिल किए जाने के बावजूद मामले में जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है और पीएमएलए के तहत कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है.

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Chhattisgarh Liquor Scam News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को  छत्तीसगढ़ 'नागरिक आपूर्ति निगम' (Chhattisgarh NAN Scam ) के आरोपियों अनिल टुटेजा (Anil Tuteja) और आलोक शुक्ला (Alok Shukla) की जमानत की विरोध कर रही ईडी (ED) से सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में हलफनामा देकर जवाब मांगा है. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि वह अपने इस दावे के समर्थन में दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करे कि पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा ने छत्तीसगढ़ में कथित 'नागरिक आपूर्ति निगम' (NAN) घोटाले में उन्हें दी गई अग्रिम जमानत का दुरुपयोग किया था. 

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि 2019 में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दाखिल किए जाने के बावजूद मामले में जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है और पीएमएलए के तहत कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है. आपको बता दें कि ईसीआईआर ईडी में दर्ज प्राथमिकी को कहा जाता है.

कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने के लिए दिया 15 दिन का वक्त

पीठ ने कहा कि विद्वान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएसजी का बयान दर्ज कर लिया गया है कि याचिकाकर्ता अपने तर्क के समर्थन में एक हलफनामा पेश करेंगे कि प्रतिवादियों (अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला) को दी गई अग्रिम जमानत की सुविधा का उन्होंने दुरुपयोग किया था. न्यायाधीश ने याद दिलाया कि अग्रिम जमानत देने का यह आदेश 14 अगस्त, 2020 का है. लिहाजा, हम याचिकाकर्ता को हलफनामा दायर करने के लिए दिए गए समय को आज से दो सप्ताह का और समय देते हैं.

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हलफनामा दायर करने से की बचने की कोशिश

ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा कि वह हलफनामा दायर नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि इससे न्यायपालिका की बहुत खराब तस्वीर पेश होगी. इस पर जब शीर्ष अदालत ने राजू से पूछा कि आरोपी की ओर से अग्रिम जमानत का दुरुपयोग करने के आरोपों से न्यायपालिका के पास क्या सबूत है, तब जाकर सरकारी वकील ने कहा कि वह हलफनामा दायर करेंगे.

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