छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: SC ने कहा- क्राइम से पैसा नहीं बनाया, पूर्व IAS व बेटे का रद्द कर सकते हैं केस

Supreme Court on Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शीर्ष अदालत में आरोप लगाया था कि जांच एजेंसी तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है. उसने आरोप लगाया था कि राज्य के अधिकारियों को जांच एजेंसी परेशान कर रही है और उनसे अपनी संपत्तियों का विवरण देने को कह रही है.

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Supreme Court order: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार 5 अप्रैल को कहा कि यह छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) आईएएस (IAS) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ धन शोधन या मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) को रद्द कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अपराध (Crime) से धन अर्जित नहीं किया गया. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ (Justice Abhay S Oka and Justice Ujjal Bhuiyan Bench) ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) या ईडी (ED) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (Additional Solicitor General) एस वी राजू से कहा कि हमने ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूची रिपोर्ट) Enforcement Case Information Report (ECIR) और मामले में दर्ज प्राथमिकी (FIR) को पढ़ा, हमने पाया कि कोई अपराध नहीं किया गया और अपराध से धन अर्जित नहीं किया गया, इसलिए कोई धन शोधन नहीं हुआ. हम इस शिकायत को रद्द करेंगे.''

Solicitor General ने यह भी कहा :

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजूने आगे कहा कि जांच एजेंसी (Investigation Agency) के पास पर्याप्त सामग्री है और यदि न्यायालय ईसीआईआर को रद्द करने को इच्छुक है तो ईडी को एक नयी शिकायत दर्ज करने और मामले को आगे बढ़ाने की छूट दी जाए.

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उन्होंने न्यायालय ने अनुरोध किया, ‘‘न्यायालय ने इस विषय में कई आदेश पारित किये हैं, जैसे कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए. इन आदेशों को निरस्त किया जाना चाहिए.''

सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ ने कहा कि यह पीठ मौजूदा शिकायत को रद्द करेगी और यह बयान दर्ज करेगी कि एजेंसी कानून के अनुसार एक नयी शिकायत दर्ज करना चाहती है. वहीं पिता-पुत्र की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Counsel) सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि मामले में अन्य सह-आरोपी हैं और उनके खिलाफ भी शिकायत रद्द की जानी चाहिए.

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इस पर पीठ ने अधिवक्ता से कहा कि क्या मौजूदा शिकायत में नामजद, अन्य सह-आरोपियों को राहत दी जा सकती है. यदि नहीं, तो उन्हें अपने कानूनी उपाय करने होंगे.

अदालत ने जब राजू से यह सवाल किया कि क्या सह-आरोपी मौजूदा शिकायत में नामजद किये गए हैं, सरकार के विधि अधिकारी ने जवाब देने के लिए वक्त मांगा. इसके बाद, पीठ ने इस विषय की अगली सुनवाई आठ अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दी है.

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कांग्रेस सरकार ने लगाया था यह आरोप

पीएमएलए अदालत में दाखिल ईडी के आरोपपत्र में धन शोधन रोधी एजेंसी ने कहा कि पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध आपूर्ति में शामिल गिरोह के ‘‘सरगना'' हैं. राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार (Congress Government) ने शीर्ष अदालत में आरोप लगाया था कि जांच एजेंसी तत्कालीन मुख्यमंत्री (Chhattisgarh Chief Minister) भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है. उसने आरोप लगाया था कि राज्य के अधिकारियों को जांच एजेंसी परेशान कर रही है और उनसे अपनी संपत्तियों का विवरण देने को कह रही है.

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