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CG शराब घोटाला: ‘लखमा थे सिंडिकेट के मददगार’, ईडी का दावा- हर महीने मिलते थे दो करोड़

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में 2,100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के सिलसिले में कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है. ईडी ने आरोप लगाया है कि लखमा को घोटाले की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. उन्हें 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया और 21 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है.

CG शराब घोटाला: ‘लखमा थे सिंडिकेट के मददगार’, ईडी का दावा- हर महीने मिलते थे दो करोड़
कांग्रेस विधायक कवासी लखमा

Chhattisgarh Liquor Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री कवासी लखमा (Congress MLA Kavasi Lakhma) ने पिछली सरकार के दौरान राज्य में हुए 2,100 करोड़ रुपये से अधिक के कथित शराब घोटाले को रोकने के लिए "कुछ नहीं किया". 

67 वर्षीय लखमा को संघीय जांच एजेंसी ने 15 जनवरी को राज्य की राजधानी रायपुर में इस मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था और एक अदालत ने उन्हें 21 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है. लखमा कोंटा विधानसभा सीट से छह बार विधायक रह चुके हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके हैं. "कवासी लखमा को शराब घोटाले सहित आबकारी विभाग के पूरे मामलों की जानकारी थी, फिर भी उन्होंने अवैध और अनधिकृत संचालन को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. 

अपने-अपने दावे 

ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया, "उन्होंने नीति परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण छत्तीसगढ़ राज्य में एफएल-10ए लाइसेंस की शुरुआत हुई." छत्तीसगढ़ सरकार के एफएल-10ए लाइसेंस ने लाइसेंस धारकों को विदेशी शराब क्षेत्र में कमाई करने की अनुमति दी. ईडी द्वारा अदालत में पेश किए जाने के दौरान लखमा ने संवाददाताओं से कहा था कि एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान कोई दस्तावेज या एक भी पैसा नहीं मिला. उन्होंने कहा, "मुझे झूठे मामले में जेल भेजा जा रहा है." 

‘लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा'

ईडी के बयान में कहा गया है कि लखमा सिंडिकेट (शराब) का "एक अभिन्न अंग" था और "उनके निर्देशानुसार प्रक्रिया और प्रक्रियाओं को संचालित करके" सक्रिय रूप से इसकी सहायता करता था. इसने आगे दावा किया कि लखमा शराब "घोटाले" से उत्पन्न अपराध की आय में से "कम से कम" 2 करोड़ रुपये प्रति माह प्राप्त कर रहा था. 2019-2022 के बीच में. एजेंसी ने दावा किया कि वह अचल संपत्तियों के निर्माण में लखमा द्वारा प्राप्त अपराध की आय के उपयोग से जुड़े "साक्ष्य" एकत्र करने में सक्षम है. ईडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ शराब "घोटाले" के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को "भारी नुकसान" हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में अपराध की 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय भर गई. 

ED ने की ताबड़तोड़ छापेमारी, कांग्रेस ने लगाए कई आरोप

केंद्रीय एजेंसी ने 28 दिसंबर को रायपुर, सुकमा और धमतरी जिलों में पूर्व मंत्री और उनके बेटे की संपत्तियों पर छापेमारी की थी. इसके बाद इसने लखमा और उनके बेटे से पूछताछ की. 

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लखमा को गिरफ्तार करने के बाद ईडी पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के निर्देशों पर काम करने का आरोप लगाया था. बघेल ने ट्वीट कर कहा, "पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक कवासी लखमा जी की गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई है. केंद्र सरकार में बैठे अपने आकाओं के निर्देश पर ईडी कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश कर रही है. पूरी कांग्रेस पार्टी कवासी लखमा जी के साथ खड़ी है."

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