Chhattisgarh: नहीं थम रहा हाथियों का आतंक, खेत में काम कर रहे बुजुर्ग को गजराज ने उतारा मौत के घाट

Chhattisgarh latest News: बताया जा रहा है कि बुजुर्ग अपने परिजनों के साथ मिलकर गांव से लगभग 2 किलोमीटर अंदर स्थित खेत मे धान इकट्ठा करने गए हुए थे. इस दौरान अचानक से हाथी के आने की जानकारी मिली, जिससे आस पास के खेत में काम कर रहे लोगों में अफरा-तफरी मच गई. साथ ही ग्रामीण हाथी से दूसरी दिशा की ओर भागने लगे. बुजुर्ग बिशन भी इस दौरान भागे, मगर कुछ दूरी के बाद गिर जाने के कारण हाथी की जद में आ गए और हाथी ने उनको कुचल कर उनकी जान ले ली.

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में हाथियों के विचरण और हमले की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रही है . आर्थिक नुकसान के साथ ही इंसानों को भी निशाना बना रहा है. इसी कड़ी में एक बार फिर पाण्डुका वन परिक्षेत्र में एक दंतैल हाथी ने खेत में काम कर रहे बुजुर्ग को कुचल कर मार डाला. वन विभाग ने बुजुर्ग के परिजनों को फौरी तौर पर राहत देते हुए तत्काल 25 हजार की सहायता राशि दी .

नागझर गांव में शनिवार की शाम खेत में काम कर रहे बुजुर्ग बिशन सिंग कंवर को हाथी ने पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया . बताया जा रहा है कि बुजुर्ग अपने परिजनों के साथ मिलकर गांव से लगभग 2 किलोमीटर अंदर स्थित खेत मे धान इकट्ठा करने गए हुए थे. इस दौरान अचानक से हाथी के आने की जानकारी मिली, जिससे आस पास के खेत में काम कर रहे लोगों में अफरा-तफरी मच गई. साथ ही ग्रामीण हाथी से दूसरी दिशा की ओर भागने लगे. बुजुर्ग बिशन भी इस दौरान भागे, मगर कुछ दूरी के बाद गिर जाने के कारण हाथी की जद में आ गए और हाथी ने उनको कुचल कर उनकी जान ले ली.

हाथी के आने से आस पास के गांव में दहशत

पखवाड़े भर से क्षेत्र में लगातार हाथी की आमद बनी हुई है. इसके चलते आस-पास के इलाकों में दहशत का माहौल बना हुआ है. विभाग की माने तो जंगली हाथी अब भी घटनास्थल से कुछ दूरी पर मौजूद है. इस गांव में घटना हुई है, वह नेशनल हाइवे से ज्यादा दूर नहीं है. ऐसे में कभी भी हाथी के हाईवे में आने की आशंका भी है, लिहाजा वन अमला सतर्क हो गया है. विभाग ने मृतक के परिवार को तत्काल सहायता राशि के तौर पर 25 हजार रुपये देने की बात कही है.

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एनिमल ट्रैकर एप से चेतावनी को नजरअंदाज करना पड़ा भारी

उदंती सीता नदी उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि हाथी के आने की जानकारी एनिमल ट्रैकर एप की ओर से शनिवार दोपहर 12 से मैसेज के माध्यम से नागझर और उसके के आस पास के गांवों में भेजी जा रही थी. नागझर गांव के सरपंच को भी इसकी जानकारी दी गई थी. वन अमला भी लगातार हाथी के आस पास मुस्तैद था. जंगल में जिस स्थान पर घटना घटित हुई है, उस जगह ग्रामीणों को जाने की मनाही की गई थी .

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साल भर में हाथियों के हमले से तीसरी मौत

पिछले कुछ सालों से जंगल में जिस गति से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. उसके चलते जंगली वन्य प्राणियों की आमद लगातर जिले और उसके आस पास के क्षेत्रों में बढ़ी है. हाथी गांव में घुस कर घरों और फसलों को नुकसान तो पहुंचा ही रहे हैं. साथ ही इंसानों की जान भी ले रहे हैं. विभाग की मानें तो साल भर में हाथी के हमले से ये तीसरी मौत हुई है .

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