Chhattisgarh : हाईकोर्ट ने रेलवे से पूछा- इतनी ट्रेनें क्यों होती है रद्द ? रेलवे DRM ने दिया जवाब

Indian Railways : याचिका में स्टेशन के पास गजरा चौक से शारदा मंदिर तक की खराब सड़क का भी मुद्दा उठाया गया. सड़क पर बड़े गड्ढे और धूल की समस्या के कारण यात्रियों और स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
Chhattisgarh : हाईकोर्ट ने रेलवे से पूछा- इतनी ट्रेनें क्यों होती है रद्द ? रेलवे DRM ने दिया जवाब

Chhattisgarh High Court : बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को हो रही असुविधाओं और जर्जर सड़कों को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने रेलवे से कई सवाल पूछे. कोर्ट ने रेलवे से पूछा कि आखिर इतनी ट्रेनें क्यों रद्द की जा रही हैं ? इससे यात्रियों को लगातार दिक्कत हो रही है. जिसके बाद रेलवे के अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने सफाई दी कि ट्रैक के अपग्रेडेशन का काम चल रहा है जिसे पूरा होने में करीब एक साल का समय लगेगा. इसके बाद ट्रेनें रद्द होने की समस्या खत्म हो जाएगी.

हाई कोर्ट ने क्या कहा ?

जानकारी के अनुसार, सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने प्लेटफार्म नंबर एक पर मालगाड़ियों को खड़ा करने के मुद्दे पर भी नाराजगी जताई. इससे यात्रियों, खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को असुविधा होती है. रेलवे ने जवाब दिया कि मालगाड़ियां केवल तब प्लेटफार्म पर खड़ी की जाती हैं जब वह खाली होता है.

Advertisement

याचिका में उठाए कई सवाल

याचिका में स्टेशन के पास गजरा चौक से शारदा मंदिर तक की खराब सड़क का भी मुद्दा उठाया गया. सड़क पर बड़े गड्ढे और धूल की समस्या के कारण यात्रियों और स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है. रेलवे ने बताया कि इस सड़क के सुधार के लिए टेंडर जारी हो चुका है और 31 मई 2025 तक काम पूरा हो जाएगा.

Advertisement

ये भी पढ़ें : 

• Indian Railways : अगर ट्रेन में खो जाए सामान तो कैसे मिलेगा ?

• यात्रियों के लिए खतरा ! ट्रेन में इस तरह होती थी लाखों की चोरी

• यात्रीगण कृपया ध्यान दें! ये मधुर आवाज़ किसी महिला की नहीं, इसके पीछे है आदमी

• Indian Railway: जान लें तत्काल टिकट बुकिंग का सही समय...ये है रेलवे का नियम

इसके अलावा, गजरा चौक से तारबाहर तक जाने वाली सड़क का टेंडर भी हो चुका है, जिसे जून 2025 तक बनाकर तैयार कर दिया जाएगा.  DRM ने शपथ पत्र के माध्यम से रेलवे के प्रयासों की जानकारी दी. कोर्ट ने रेलवे के जवाबों को सुनने के बाद जरूरी निर्देश दिए और जनहित याचिका को खारिज कर दिया.

Advertisement