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Chhattisgarh Coal Scam: कोल लेवी वसूली मामले में EOW ने देवेन्द्र डडसेना और नवनीत तिवारी के खिलाफ पेश किया 1,500 पेज का चालान

Chhattisgarh Coal Scam News: आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने खुलासा किया है कि कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का निजी सहायक देवेन्द्र डडसेना को अवैध कोल लेवी से प्राप्त नकदी का प्रमुख रिसीवर और मध्यस्थ पाया गया है.

Chhattisgarh Coal Scam: कोल लेवी वसूली मामले में EOW ने देवेन्द्र डडसेना और नवनीत तिवारी के खिलाफ पेश किया 1,500 पेज का चालान

Chhattisgarh Coal Scam Case: छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने अवैध कोल लेवी वसूली मामले में बुधवार को दो और आरोपियों देवेन्द्र डडसेना और नवनीत तिवारी के खिलाफ लगभग 1,500 पेजों का चालान विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), रायपुर में पेश किया.

इस चालान में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 384, 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7, 7A एवं 12 के तहत अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पाए गए हैं. दोनों आरोपी फिलहाल केंद्रीय जेल रायपुर में निरुद्ध हैं.

17 आरोपियों के खिलाफ पहले ही पेश किए जा चुके हैं चालान

गौरतलब है कि जुलाई 2024 में ईओडब्ल्यू ने सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर, हेमंत जायसवाल सहित 15 आरोपियों के खिलाफ प्रथम चालान पेश किया था. इसके बाद अक्टूबर 2024 में मनीष उपाध्याय और रजनीकांत तिवारी के खिलाफ पूरक चालान दाखिल किया गया था.

जांच में ये हुआ खुलासा

कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल का निजी सहायक देवेन्द्र डडसेना को अवैध कोल लेवी से प्राप्त नकदी का प्रमुख रिसीवर और मध्यस्थ पाया गया है. जांच में सामने आया है कि रायपुर स्थित कांग्रेस भवन में ‘भवन' नाम से दर्ज प्रविष्टियां इसी के माध्यम से संचालित होती थीं. डडसेना ने न केवल नकद राशि प्राप्त की, बल्कि उसे कोल स्कैम से जुड़े अन्य आरोपियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाई.

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वहीं, नवनीत तिवारी को अवैध कोल लेवी सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य बताया गया है. वह सूर्यकांत तिवारी के निर्देश पर रायगढ़ में कोल व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली करता था और यह रकम नियमित रूप से रायपुर भेजता था. जांच में यह भी सामने आया है कि उसने सूर्यकांत तिवारी की बेनामी संपत्तियों के प्रबंधन में भी भूमिका निभाई. ईओडब्ल्यू ने बताया है कि प्रकरण में अन्य संभावित आरोपियों के विरुद्ध जांच जारी है, और आगे भी आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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