मिंतु बेगम
यह बात बैकुंठपुर की रेहने वाली मिंतु बेगम ने कही है. चुनाव आयोग ने इस बार बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष रणनीति के तहत उन्हें घर पर ही पोस्टल बैलेट की मदद से मतदान करने की सुविधा प्रदान की है. इसी कड़ी में मंगलवार को मतदान टीम खालपारा, ओड़गी निवासी 87 वर्षीय सखुन बरगाह के घर पहुंची हुई थीं. सखुन की स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी उनके परिवारों वालों ने दी और कहा कि बिस्तर पर उनसे मतदान करवा लीजिए, मतदान टीम तुरंत तैयार हुई और सखुन बाई की तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने मतदान कर अपना कर्त्तव्य पूरा किया.
'फूल बसिया' का चेहरा फूल जैसा खिल गया
इसी तरह 82 वर्षीय फूल बसिया यादव के घर मतदान टीम पहुंची तो उन्होंने, सभी का अभिवादन किया. सबका हाल-चाल जाना. कहां से आए हो...क्या काम है..? हम लोगों का घर मिट्टी का है बाबू.... मतदान टीम ने उन्हें बताया कि हम लोग निर्वाचन कार्यालय से आए हैं, आपका वोट लेने और इस तरह फूल बसिया का चेहरा एक पल के लिए फूल की तरह खिल गया. बोलने लगी... जरूर बाबू, मैं बोट जरूर करूंगी.
मतदान को लेकर 'विकास' का हौसला बुलंद
जब मतदान अधिकारियों की टीम दिव्यांग विकास साहू के घर पहुंचे तो वे जमीन पर सोए मिले. मतदान अधिकारियों ने उन्हें बताया कि 17 नवंबर को मतदान होना है, उसके पहले जो दिव्यांग मतदाता, मतदान केंद्र नहीं पहुंच पाएंगे, उसके लिए निर्वाचन आयोग ने घर पर पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट लेने की व्यवस्था की है. तब विकास साहू ने कहा, "14 बरस पहले एक सड़क दुर्घटना होने के कारण उठ-बैठ नहीं पा रहा हूं लेकिन बातचीत कर लेता हूं." इस तरह दिव्यांग विकास ने लोकतंत्र के मजूबत विकास के लिए सहर्ष मतदान किया और उनके हौसले देखकर कहीं नहीं लगा कि वह एक दिव्यांग है.
"आज घलो वोट डाल हूं" - उजियारो राजवाड़े
इसके बाद मतदान टीम खालपारा की रहने वाली 87 वर्षीय उजियारो राजवाड़े के घर पहुंची. उजियारो ने बताया कि पहले वह कलम से हस्ताक्षर कर लेती थी, लेकिन अब हाथ कांपने के कारण हस्ताक्षर करने में दिक्कत हो रही है. बुजुर्ग उजियारो के चेहरे में कहीं शिकन , चिंता तक नहीं दिखी बल्कि मतदान टीम को कहने लगी, ‘पहली बार आए हो... चाय पीकर जाना. जब मतदान अधिकारियों ने कहा, "आप ल वोट डालना हे." तब वह कहने लगी... "मैं तो कई बार वोट डाल हरे हवं....आज घलो वोट डाल हूं... कोई चिंता-फिकर के बात नई हे." इस तरह दो लड़के और दो लडकियों की 87 साल की मां उजियारो के आत्मविश्वास ने नई पीढ़ी को वोट डालने के लिए जरूर प्रेरित किया.
यह भी पढ़ें : खजूर के पेड़ से प्रकट हुई थी माता, नबाबों के समय ऐसे हुई थी इस मंदिर की स्थापना
शरीर कमजोर लेकिन मन मजबूत- शारदा पड़वार
इसी तरह खालपारा, ओड़गी की रहने वाली दिव्यांग 32 वर्षीय कुमारी शारदा पड़वार के घर मतदान कराने टीम पहुंची थी. इनके परिजनों ने बताया कि शारदा बचपन से ही दिव्यांग है. आज 32 साल की हो गई है. मतदान कर्मियों ने उनसे पोस्टल बैलेट की मदद से मतदान कराया.
कलेक्टर ने मतदान टीम को दी शुभकामनाएं
मतदान से पहले मंगलवार को कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार लंगेह ने मतदान टीम व उनकी गाड़ियों को रवाना किया. इस दौरान विनय कुमार लंगेह ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि निष्पक्ष, गोपनीयता के साथ मतदान कराएं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के दौरान जो सीख मिली है, उसके अनुसार ही कार्य करे. कोई भी परेशानी होने पर संबंधित अधिकारियों से जरूर संपर्क करें.