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This Article is From Apr 13, 2024

Chhattisgarh: कोयले की खदान धंसने से दो युवकों की मौत, इस तरह से एक की बची जान ... वन विभाग पर सवाल?

Surguja: कोयले की खदान धंसने से दो युवकों की हुई मौत. ग्रामीणों ने वन विभाग के ऊपर खड़े किए सवाल.

Chhattisgarh: कोयले की खदान धंसने से दो युवकों की मौत, इस तरह से एक की बची जान ... वन विभाग पर सवाल?
Surguja: कोयले की खदान धंसने से दो युवकों की हुई मौत

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा जिले (Surguja) से दो नाबालिगों के मौत की खबर सामने आई है. यहां के उदयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सानीबर्रा सुखरी भंडार के जंगल में अवैध रूप से संचालित कोयला खदान के धंसने से दो नाबालिग लड़कों की मौत हो गई. बताया जा रहा है अवैध खनन करने के दौरान यह हादसा हुआ है. वहीं इस घटना में एक नाबालिग लड़के की जान इसलिए बच गई क्योंकि वह पानी लेने गया था. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के ऊपर सवाल उठाए हैं.

वन विभाग की टीम पहुंची मौके पर

इस घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मृतकों के शवों को किसी तरह खदान से बाहर निकाल लिया. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. घटना के संबंध में बताना जा है उदयपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत  ग्राम खुखरी के रहने वाले तीन दोस्त जिनमें बुधलाल तड़के तकरीबन 6 बजे के आसपास ग्राम सुखरी भंडार से लगे जंगल के बोदाढोढ़ा में बंद पड़े कोयला खदान में पहुंचे. तीनों लड़कों के पास कोयला खोदने के औजार भी रखे थे.

पानी लाने चला गया था तीसरा युवक

तीनों युवक बंद खदान में लगभग 4 घंटे तक कोयला खोदते रहे. इस दौरान तीनों को प्यास लगी तो श्याम को पानी लाने के लिए बाहर भेज दिया. इसके कुछ देर बाद ही जोरदार आवाज के साथ खदान धंस गई. खदान धंसने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए. स्थानीय ग्रामीणों को जानकारी लगी कि खदान के अंदर दो लड़के दबे हुए हैं. तो इसके बाद पूरी सूचना वन विभाग को दी गई. जिसके बाद वहां वन विभाग पहुंचा और मामले की छानबीन करते हुए इसकी जानकारी तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को देते हुए तत्काल ग्रामीणों की मदद से मलवा हटाने का काम शुरू किया लेकिन तब तक बुधलाल और तिंरगा की मौत हो गई थी.

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ग्रामीणों ने वन विभाग पर उठाए सवाल

वहीं इस मामले स्थानीय ग्रामीणों को कहना है कि बंद पड़े कोयला खदान से लंबे समय से अवैध कोयला उत्खनन किया जा रहा है. जिसकी जानकारी वन विभाग को भी है .इसके बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं होने से ऐसी घटना घटी है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अक्सर बरसात में खदान के धंसने की जानकारी मिलती थी. लेकिन गर्मी के मौसम में पहली बार खदान धंसी है.

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