Anti Naxal Operations: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दन्तेवाड़ा (Dantewada) जिला में पुलिस और सरकार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी. यहां पुलिस के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान (Naxal Eradication Campaign) और छत्तीसगढ़ शासन की ‘पुनर्वास नीति' के तहत विगत कुछ माह में जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ (CRPF) के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा (Naxals quit before Police) में जोड़ने के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद किया जा रहा है. इसी के तहत सोमवार को यहां से कुल 18 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया.
मुख्यधारा से जुड़ने का लिया संकल्प
नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवाओं ने मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प लिया. सोमवार को दंतेवाड़ा में कुल 18 माओवादियों ने आत्मसमर्पण की इच्छा जाहिर करते हुये लोन वार्राटू (घर वापस आईये) अभियान के तहत आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस उप महानिरीक्षक दन्तेवाड़ा कमलोचन कश्यप के सामने डीआरजी कार्यालय में नक्सलियों ने अपने हथियार डाल दिए.
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इन माओवादियों ने किया आत्मसमर्पित
हिड़मा ओयाम, कुमारी सामबती गंगी मड़काम, केसू मड़काम, कमलू ओयाम, सुरेष ओयाम, आयतु कलमू, सन्नू ओयाम, मनीराम पोड़ियाम, सहित कई खूंखार नक्सलियों ने पुलिस अधिकारियों के सामने खूद ही आत्मसमर्पण कर दिया. उनका कहना था कि वह पुलिस के अपील से प्रभावित होकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ना चाहते है.
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