
CGPSC Scam Update: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) घोटाला मामले में आयोग से जुड़े पूर्व अधिकारियों समेत 5 आरोपियों को सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी 2020 और 2021 की भर्ती परीक्षाओं में धांधली और साजिश को बेनकाब करने के लिए की गई है. आरोपियों को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में पेश किया जा रहा है. घोटाले की जांच के लिए सीबीआई रिमांड की मांग कर सकती है.
गिरफ्तार आरोपियों में सीजीपीएससी (Chhattisgarh Public Service Commission) की पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, सीजीपीएससी के सचिव रहे रिटायर्ड आईएएस जीवनलाल ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, निशा कोसले, दीपा आदिल शामिल हैं.
- जीवन किशोर ध्रुव – तत्कालीन सचिव, CGPSC
- आरती वासनिक – तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, CGPSC
- सुमित ध्रुव – डिप्टी कलेक्टर (सचिव के बेटे)
- मिषा कोसले – डिप्टी कलेक्टर (तत्कालीन चेयरमैन के भाई की बहू)
दीपा आदिल – जिला आबकारी अधिकारी (तत्कालीन चेयरमैन के भाई की बहू)
अधिकारियों ने अपने बच्चों और रिश्तेदारों को पास कराया
सीबीआई ने जुलाई 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार की सिफारिश पर यह केस दर्ज किया था. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन, सचिव और अन्य अधिकारियों ने अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को पास कराने के लिए पूरी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की. CGPSC 2021 में लगभग 1.29 लाख उम्मीदवार प्री-परीक्षा में बैठे थे.
170 उम्मीदवारों को हुआ चयन
इनमें से 2548 पास हुए, फिर 509 उम्मीदवारों ने मुख्य परीक्षा पास की और इंटरव्यू के लिए बुलाए गए. आखिर में 170 उम्मीदवारों का चयन हुआ, जिनमें कई बड़े अफसरों के रिश्तेदार थे. इस केस में पहले ही तत्कालीन चेयरमैन, डिप्टी कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन और 5 अन्य उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सभी आरोपी इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं.
सीबीआई ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी 5 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी. साथ ही, उन अन्य उम्मीदवारों की भी जांच जारी है, जो इस धांधली के जरिए नौकरी पाने में सफल हुए थे. यह गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ की अब तक की सबसे बड़ी भर्ती धांधली का पर्दाफाश मानी जा रही है.
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