Naxal Encounter in Chhattisgarh: बीजापुर जिले (Bijapur) के पीडिया के जंगलों में बीते 10 मई को हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ (Naxalite Encounter) को स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों के बाद अब बस्तर लोकसभा सीट (Bastar Lok Sabha Seat) से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा (Congress Candidate Kawasi Lakhma) ने भी फर्जी बताया है. इसके साथ ही लखमा ने इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) से की है. कवासी लखमा ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने के बाद नक्सलियों के एनकाउंटर के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को मारा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पीडिया के जंगल में भी निर्दोष आदिवासियों को जवानों ने नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आदिवासी समाज के लोगों काफी आक्रोश है. कवासी लखमा ने कहा कि मुठभेड़ की सच्चाई जानने के लिए सर्व आदिवासी समाज पीडिया गांव पहुंचकर इस मामले की जांच करेगा.
'आदिवासी मुख्यमंत्री होते हुए भी आदिवासी सुरक्षित नहीं'
कवासी लखमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद भी बस्तर में आदिवासी सुरक्षित नहीं हैं. भोले-भाले आदिवासियों को या तो नक्सली बताकर जेल में ठूंसा जा रहा है, या फिर इनामी नक्सली बताकर एनकाउंटर में मार गिराया जा रहा है. जिससे आदिवासी समाज में काफी रोष है. कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद बस्तर संभाग के सभी एसपी और प्रशासन के अधिकारियों का रंग बदल चुका है. कांग्रेस भी चाहती है कि बस्तर में शांति हो, बस्तर नक्सलवाद मुक्त हो, लेकिन ऐसे कैसे मुक्त होंगे? नक्सलियों की जगह आदिवासी मुक्त हो जाएंगे.
'आदिवासियों को जेल में ठूंसा जा रहा'
लखमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से इस तरह की फर्जी मुठभेड़ हो रही है, भाजपा सरकार तत्काल इसे रोके और इस तरह की मुठभेड़ की न्यायिक जांच करे. लखमा ने यह भी कहा कि निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर गिरफ्तार किया जा रहा है जेल में ठूंसा जा रहा है. दक्षिण बस्तर के बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के उप जेल में जगह ही नहीं बची है, सभी निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जन्मजात आदिवासियों की दुश्मन है.
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