Good Touch and Bad Touch: हैवानियत का खुलासा; जागरूकता कार्यक्रम में बच्ची की शिकायत पर FIR दर्ज

Good Touch vs Bad Touch: पुलिस अधीक्षक ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एक विशेष टीम बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही तीनों युवकों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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Good Touch and Bad Touch: हैवानियत का खुलासा

Good Touch and Bad Touch: सूरजपुर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने हर व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया है. जिले के चांदनी थाना क्षेत्र की रहने वाली 8वीं कक्षा की एक छात्रा ने स्कूल में आयोजित गुड टच-बैड टच (Good Touch and Bad Touch) जागरूकता कार्यक्रम के बाद अपने साथ हुए हैवानियत का खुलासा किया है. छात्रा ने कार्यक्रम के बाद हिम्मत जुटाकर अपने स्कूल की महिला शिक्षिका को बताया कि करीब एक साल पहले उसके साथ तीन युवकों ने अलग-अलग समय पर गलत हरकतें की थीं. इस पर शिक्षिका ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए बच्ची के परिजनों और जिला बाल संरक्षण इकाई को जानकारी दी.

काउंसलिंग के बाद केस दर्ज

बाद में जब बच्ची की काउंसलिंग करवाई गई, तो उसने साफ तौर पर बताया कि तीन युवकों ने अलग-अलग समय पर उसका शारीरिक शोषण किया. इस पूरे घटनाक्रम के आधार पर चांदनी थाने में तीनों युवकों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है. मामला पॉक्सो एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.

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पुलिस अधीक्षक ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एक विशेष टीम बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही तीनों युवकों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इस पूरे मामले ने समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि बच्चे चुप क्यों रहते हैं और जवाब भी खुद इस बच्ची ने दे दिया. जागरूकता और भरोसेमंद माहौल मिलने पर बच्चे भी अपनी बात कहने की हिम्मत जुटा सकते हैं.

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बच्ची की काउंसलिंग जारी है और जिला प्रशासन व पुलिस की ओर से हर संभव सहयोग मुहैया कराया जा रहा है. बाल संरक्षण अधिकारी भी लगातार परिवार के संपर्क में हैं. फिलहाल बच्ची को सखी सेंटर की देखरेख में रखा गया है.

क्या कहते हैं जानकार?

कानून विशेषज्ञों का मानना है कि पॉक्सो एक्ट 2012 जैसे कानून बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहद अहम हैं, लेकिन समाज की भूमिका उससे कहीं ज़्यादा जरूरी है. स्कूलों में ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों का होना बच्चों के लिए संबल बन सकता है.

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