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RBI MPC Meeting: फेस्टिव सीजन से पहले आम आदमी को झटका; रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं - RBI गवर्नर

RBI MPC Meeting: आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही के लिए 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 6.3 प्रतिशत निर्धारित किया है.

RBI MPC Meeting: फेस्टिव सीजन से पहले आम आदमी को झटका; रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं - RBI गवर्नर
RBI Monetary Policy Meeting 2025: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा

RBI MPC Meeting: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को अगस्त की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया. एमपीसी की ओर से रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर गया है. इसके अतिरिक्त, केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति का रुख "न्यूट्रल" बरकरार रखा है. केंद्रीय गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, "आरबीआई ने विकास को बढ़ावा देने के लिए निर्णायक और दूरदर्शी कदम उठाए हैं. एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया. रेपो दर 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई. एमपीसी ने "न्यूट्रल" रुख बनाए रखने का फैसला किया है."

जून में मिली थी राहत

इससे पहले आरबीआई गवर्नर की ओर से जून की मौद्रिक पॉलिसी में रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया था. आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही के लिए 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 6.3 प्रतिशत निर्धारित किया है. वहीं, अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026-27) की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रह सकती है.

केंद्रीय बैंक के गवर्नर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई 3.1 प्रतिशत रह सकती है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में महंगाई 2.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत सकती है. वहीं, वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए महंगाई दर अनुमान 4.9 प्रतिशत है.

मल्होत्रा के मुताबिक, एक अगस्त तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 688.19 अरब डॉलर है, जो कि देश के 11 महीने के व्यापारिक आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है. आरबीआई फरवरी शुरुआत से अब तक रेपो रेट में एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी.

आम आदमी को फेस्टिव सीजन में राहत नहीं

त्योहारों के सीजन में अगर आप उम्मीद कर रहे थे कि आपके होम लोन या व्हीकल लोन की EMI कुछ कम हो सकती है, तो अभी आपको थोड़ा और इंतजार करना होगा. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी जरूरत पड़ने पर RBI से कर्ज मिलता है. अगर रेपो रेट घटती है तो बैंकों को सस्ते में कर्ज मिलता है और वो ग्राहकों को भी सस्ती ब्याज दरों पर लोन दे पाते हैं. लेकिन इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ, इसलिए EMI में तुरंत राहत की उम्मीद नहीं है.

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