
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) में एक गर्भवती महिला के गर्भपात के मामले में हाईकोर्ट ने भी सख्ती दिखाई है. इस मामले में स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने ये भी पूछा है कि लापरवाहियों पर सरकार क्या कदम उठा रही है?
क्या है मामला?
कोटा थाना क्षेत्र के करगीखुर्द की रहने वाली एक गर्भवती महिला को सिम्स में भर्ती होने के बाद महिला को कुछ और दवाइयां दी गईं, लेकिन थोड़ी देर बाद उसका पांच माह का गर्भपात हो गया. इस घटना के बाद महिला के पति ने आरोप लगाया कि सिम्स में गलत इंजेक्शन लगाए जाने के कारण ही यह घटना हुई.इस मामले को लेकर बवाल मच गया. कलेक्टर ने जांच समिति बनाई. इधर हाईकोर्ट ने भी पूरे मामले को संज्ञान में लिया है.
अगली सुनवाई 2 अप्रैल को
अदालत ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे मामले से जुड़ी पूरी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी, जिसमें आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा. यह मामला प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. अब देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं और सरकार इस घटना को लेकर क्या कदम उठाती है ?
समिति करेगी जांच
सिम्स प्रशासन ने बताया कि महिला को पहले से रक्त स्त्राव की समस्या थी, और गर्भपात का कारण भी यही हो सकता है. अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है, जो यह पता लगाएगी कि गर्भपात किस वजह से हुआ.