बिलासपुर कोर्ट में केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने, एयरपोर्ट विस्तार को लेकर जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

Bilaspur News: बिलासपुर में हवाई अड्डे और सुविधाओं के विस्तार से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट ने अधूरे कामों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए निर्देश दिए हैं.

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) में लंबित बिलासपुर एयरपोर्ट से संबंधित नाइट लैंडिंग (night landing) जनहित याचिका के मामले में केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने आ गए. दरअसल, बिलासापुर एयरपोर्ट के उन्नयन के संबंधित याचिका पर न्यायाधीश गौतम भादुड़ी और न्यायाधीश रजनी दूबे की खंडपीठ ने सुनवाई की. ये सुनवाई पत्रकार कमल कुमार दुबे और उच्च न्यायालय प्रैक्टिसिंग बार के द्वारा दायर की गई याचिका पर हुई. 

कोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता राजकुमार गुप्ता अधिवक्ता ने बताया कि नाइट लैंडिंग की सुविधा के लिए नई सैटेलाइट प्रणाली के लिए डीजीसीए को आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिस पर याचिकाकर्ता के वकील ने एक आवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि 18-04-2024 को डीजीसीए नई दिल्ली ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है कि 3C IFR केटेगरी एयरपोर्ट के लिए फ़िलहाल वर्तमान प्रचलित प्रणाली पी बी एन /विओआर टेक्नोलॉजी ही उपयुक्त है और नई टेक्नोलॉजी के लिए फिर से नई प्रक्रिया अपनानी होगी.

अधूरे काम को जल्द करें पूरा: छत्तीसगढ़ कोर्ट

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार डीजीसीए और एएआई की उच्च स्तरीय समिति को इस संबंध में उचित निर्देश के साथ-साथ एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी आदेश दिया. इसके अलावा कोर्ट ने बाउंड्री वाल के संबंध में भी राज्य शासन को अधूरे काम जल्द पूरा करने के लिए निर्देश जारी किया. 

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साथ ही खंडपीठ ने केंद्र शासन से राज्य शासन को एयरपोर्ट विस्तार के लिए 287 एकड़ ज़मीन हस्तांतरण के संबंध में सेना के अधिकारियों के साथ ज़मीन सीमांकन भी जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.

उच्च न्यायालय ने एलायंस एयर को बिलासपुर से विभिन्न शहरों में जारी किए गए हवाई सेवा के लिए ग्रीष्म क़ालीन अनुसूची के संबंध में सक्षम् अधिकारी का शपथ पत्र आगामी तिथि तक पेश करने के लिए निर्देश जारी किया. प्रकरण में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव और अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव, जबकि राज्य शासन की ओर से उपमहाधिवक्ता राजकुमार गुप्ता और केंद्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकान्त मिश्रा ने पैरवी की. 

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