Chhattisgarh News : बिहार के नव नियुक्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बिलासपुर आए. वे अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के तीन दिन के कुल उत्सव में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और उनके कामों पर बात की. आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि जब वे 30 साल की उम्र में संसद चुनकर आए थे तब अटल जी विपक्ष में थे. उन्होंने कहा, "अटल जी साधारण नेता नहीं थे. वे हमेशा दूसरों को प्रोत्साहित करते थे. उन्होंने मुझे भी काम करने का हौसला दिया."
भारतीय संस्कृति को लेकर कहा क्या ?
इस दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मीडिया से बातचीत की. पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि ये देश हमेशा से विविधता अलग-अलग धर्म और परंपराओं को अपनाने वाली रह है. उन्होंने कहा कि ऋग्वेद में लिखा गया है कि "सत्य एक है लेकिन विद्वान इसे अलग-अलग तरीके से बताते हैं. " उन्होंने कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत के विचार भारतीय संस्कृति और आदर्शों से एकदम मेल खाते हैं.
'गंगा-जमुनी तहजीब' पर रखी अपनी राय
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा क़ी 'गंगा-जमुनी तहजीब' शब्द ऐसा है जिसे सुनकर ऐसा लगता है जैसे भारत में विविधता की शुरुआत बाहर से आए धर्मों के बाद हुई. लेकिन ये सच नहीं है. भारत में हमेशा से अलग-अलग विचारों और परंपराओं को अपनाया गया है. उन्होंने कहा कि इसीलिए वे इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करते.
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बिहार के नए आरिफ मोहम्मद खान कौन हैं ?
कार्यक्रम अटल बिहारी वाजपेयी की याद में आयोजित किया गया था. जानकारी के लिए बता दें कि आरिफ मोहम्मद खान एक दिग्गज नेता और प्रशासक हैं. इससे पहले वे केरल के राज्यपाल थे. 24 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल बनाया.