Big Achievement: राजनांदगांव के प्रोफेसर डॉ डाकेश्वर की लिखी पुस्तक का लंदन में प्रकाशन, जानिए क्या है खास

Success Story: डॉ डाकेश्वर वर्मा शहर के दिग्विजय महाविद्यालय के रसायन शास्त्री सहायक प्राध्यापक हैं, जिनकी पुस्तक लंदन में प्रकाशित हुई है. डॉ डीके वर्मा 73 शोध पत्र समीक्षा लेख 38 पुस्तक के लिख चुके 7 और लिखने की तैयारी में हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Big Achievement: राजनांदगांव के प्रोफेसर डॉ डाकेश्वर की लिखी पुस्तक का लंदन में प्रकाशन, जानिए क्या है खास

Big Achievement: पुस्तक लंदन में प्रकाशित हुई सुपर कैपेसिटर की मूल बातें उन्नत और भविष्य के तकनीक प्रयोग का ट्रायल समिति आफ केमिस्ट्री लंदन में प्रकाशन हुआ. यह पुस्तक सुपर कैपेसिटर तकनीकी मूल अवधारणा उसके उन्नत और भविष्य में होने वाले प्रयोग का व्यापक वितरण हैं. प्रोफेसर डीके वर्मा के नाम कई उपलब्धि हैं. वे विश्व के दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में भी शामिल हो गए हैं, जो जड़ी बूटियां की खोज और अन्य खोज में भी शामिल थे. यह उनकी अलग उपलब्धि हैं. डॉ डीके वर्मा 73 शोध पत्र समीक्षा लेख 38 पुस्तक के लिख चुके 7 और लिखने की तैयारी में हैं. पुस्तक में सुपर कैपेसिटर की संरचना कार्य सिद्धांत इलेक्ट्रोड और इलेक्ट्रोलाइट सामग्री रासायनिक गुण का वैज्ञानिक विश्लेषण हैं, इस पुस्तक का प्रकाशन लंदन से किया गया है और राजनांदगांव शहर में खुशी की लहर हैं.

बुक में क्या है?

डॉ डाकेश्वर वर्मा शहर के दिग्विजय महाविद्यालय के रसायन शास्त्री सहायक प्राध्यापक हैं, जिनकी पुस्तक लंदन में प्रकाशित हुई है. इन्होंने सुपर कैपेसिटर की मूल बातें उन्नति और भविष्य के तकनीकी प्रयोग का रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री लंदन में प्रशासन हुआ है. इसको लेकर कालेज प्रबंधन और चिंतकों ने उन्हें बधाई दी है, उन्होंने पाठकों के लिए किताब को तीन क्षेत्र में बनता है. पार्ट ए में सुपर कैपेसिटर का इंट्रोडक्शन थीसिस करैक्टेरिस्टिक्स और इंटरफेस मुख्य टॉपिक है,पार्ट बी में सुपर कैपेसिटर के लिए इलेक्ट्रोड पदार्थ पर जोर दिया है और पार्ट सी में केस स्टडीज कमर्शियल और सुपर कैपेसिटर के एडवांस एप्लीकेशन पर फोकस किया गया है.

आयुर्वेदिक औषधीय में भी शोध जारी

इसके साथ ही उन्होंने आयुर्वेदिक औषधीय पौधों के संरक्षण पर भी अभी उनका शोध जारी है, लगातार उनके द्वारा जड़ी बूटियां की खोज, इलाज में उपयोगिता और अन्य चीजों पर उनके द्वारा शोध कार्य किया जा रहा है. इससे पहले भी कई जगह उनकी पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है और कई मंचों पर उन्हें सम्मानित किया जा चुका है. हाल ही में विश्व के दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल होने पर उनका लंदन के कॉलेज और यूनिवर्सिटी के विश्वविद्यालय से संपर्क हुआ था जिसके बाद लगातार वह पुस्तक लिख रहे हैं और नए-नए शोध कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : World Children Day: विश्व बाल दिवस पर सांची सहित MP की 100 इमारतें ब्लू लाइट से हुईं सराबोर

Advertisement

यह भी पढ़ें : Contract Killing: सागर में ड्राइवर की हत्या का 48 घंटे में खुलासा; जानिए कैसे हुआ मर्डर

यह भी पढ़ें : DPI Order: सर्दियों में रंग-बिरंगे स्वेटर पहनने पर रोक नहीं; लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी किए निर्देश

Advertisement

यह भी पढ़ें : MP में उच्च शिक्षा की बदहाली; 1.5 लाख छात्रों को पढ़ा रहे सिर्फ 39 शिक्षक, 349 निजी कॉलेजों में 22 प्राचार्य