बलौदाबाजार : ... तो ब्लैक लिस्टेड हो जाएंगी एजेंसियां ! जानें कलेक्टर ने क्यों कही ये बात ? 

Chhattisgarh News: बलौदाबाजार में अब कामों को गति देने प्रशासन सख्त हो गया है. कलेक्टर ने साफ कह दिया है कि धीमी गति से काम करने वाली एजेंसियों का भुगतान रुकेगा. फिर भी सुधार नहीं होगा तो ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई करेंगे.

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Balodabazar News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में आगजनी की घटना के बाद अब जिले में काम को गति देने कसावट शुरू हो गई है. यहां धीमें चल रहे कामों की गति अगर नहीं बढ़ाई जाती है तो एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड करने की तैयारी है. कलेक्टर दीपक सोनी (IAS Deepak Soni) ने संबंधित अफसरों और ठेकेदारों को इस बारे में कड़ा अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने कमजोर फिल्ड वर्क के कारण हेल्प एंड हेल्प एजेंसी के को-ऑर्डिनेटर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. 

बैठक लेकर कामकाज की समीक्षा

बलौदाबाजार कलेक्ट्रट में आगजनी की घटना के बाद यहां व्यवस्थाओं को गति देने के लिए सरकार ने युवा IAS अफसर दीपक सोनी को भेजा है. यहां चार्ज लेते ही दीपक अपने पूरे फॉर्म में आ गए हैं. विकास को गति देने कभी स्थानीय लोगों के बीच पहुंचकर चाय पर चर्चा कर रहे हैं तो कभी जिले में चल रहे कामों में कसावट लाने अफसरों को कड़े निर्देश दे रहे हैं.

शुक्रवार को कलेक्टर ने जिले में जल जीवन मिशन काम के लिए अनुबंधित एजेंसियो की बैठक लेकर कामकाज की समीक्षा की. उन्होंने सभी एजेंसियो के प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि कम प्रगति वाले एजेंसी का भुगतान रोका जाएगा, इसके  बाद भी  सुधार नहीं लाएंगे तो एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड  करने की कार्रवाई की जाएगी.

बलौदाबाजार ब्लॉक में एजेंसी उपवन महिला बाल विकास को 146 गांव, पलारी में एजेंसी हेल्प एंड हेल्प को 132 गांव, भाटापारा में एजेंसी कामगार फाउंडेशन को 108 गांव, कसडोल में एजेंसी विकास आशा सेवा समिति को 117 एवं एजेंसी प्रतीक्षा को 110 गांव कार्य करने के लिए आवंटित किया गया है.

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हर दिन की रिपोर्ट भी देना जरुरी

जिले में जो निर्माण एजेंसियां काम कर रही हैं, उनके कामों की हकीकत को जानने के लिए कलेक्टर ने फील्ड पर काम कर रहे कर्मचारियों से भी फोन पर बात की और उनसे जानकारी ली. सभी एजेंसियो को निर्देश दिए कि हर दिन के काम की रिपोर्ट जिला कार्यालय को सौंपे. जिनके पास आवंटित गांव की संख्या ज्यादा और कर्मचारियों की संख्या कम है और काम की गति बहुत धीमी है, उनसे गांव की संख्या कम कर बेहतर प्रगति वाले एजेंसी को देने को भी कहा गया है. 

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