Chhattisgarh Dhan Kharidi: बलौदा बाजार समेत पूरे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ हुई, जिसके बाद बलौदा बाजार जिले में खरीदी का ग्राफ लगातार बढ़ते हुए 15 लाख क्विंटल के पार पहुंच गया है. जिला सहकारी समितियों में किसानों द्वारा निरंतर धान उपार्जन करने से कई समितियों में बफर लिमिट पूर्ण हो चुकी है. ऐसे में धान के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए प्रशासन द्वारा मिलरों को डीओ जारी कर धान उठाव की प्रक्रिया तेज की गई है.
21 क्विंटल धान की हो रही खरीदी
समितियों में संग्रहण क्षमता प्रभावित न हो और किसानों को किसी भी परिस्थिति में असुविधा न झेलनी पड़े इसके लिए लगातार कार्रवाइयां की जा रही है. बता दें कि छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल के दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी करती है. अर्थात एक एकड़ में किसान 21 क्विंटल धान समितियां में 3100 रुपये क्विंटल के हिसाब से बेचते हैं.
बलौदा बाजार में बनाए गए 166 धान उपार्जन केंद्र
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बलौदा बाजार जिले में किसानों से धान खरीदी करने के लिए 166 धान उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. यहां अब तक 28000 से अधिक किसानों से 15,11,578 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है. समितियों में खरीदे गए धान के उठाव की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. मिलरों द्वारा अब तक 7,840 क्विंटल धान का उठाव किया गया है. जिला प्रशासन धान खरीदी कार्य में पारदर्शिता और अनुशासन को सर्वोपरि मानकर निगरानी सिस्टम लागू किए हुए है.
2,664.54 क्विंटल अवैध धान जब्त
कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर निगरानी समिति गठित की गई है, जिसमें राजस्व, खाद्य और मंडी विभाग के अधिकारियों को रखा गया है. इनके द्वारा अब तक 70 प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए 2,664.54 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है. बताया जा रहा है कि जब्त किए गए धान में अधिकांश हिस्सा पुराना धान है, जिसे कोचिया और बिचौलिया खपाने की तैयारी में थे.
बिचौलियों में हड़कंप
वहीं धान खरीदी प्रणाली के दौरान कोचिया और बिचौलिया तत्वों को रोकने के लिए प्रशासन लगातार सतर्क प्रयास कर रहा है. अनियमितताओं पर नकेल कसने से अवैध धान बेचने वालों में हड़कंप की स्थिति है. वहीं वास्तविक किसानों द्वारा रकबा समर्पित करने का सिलसिला भी जारी है. जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार इस खरीदी सीजन में 7,020 किसानों ने कुल 102.587 हेक्टेयर रकबा समर्पित किया है. इसमें ऐसे किसान शामिल हैं, जिन्होंने अपना धान बेचने की प्रक्रिया पूरी कर ली है या खरीदी योग्य रकबा नहीं होने की स्थिति में स्वयं समर्पण किया है.
कलेक्टर दीपक सोनी ने समितियों को दिए निर्देश
धान खरीदी केंद्रों में धान की बढ़ती आवक के बीच कलेक्टर दीपक सोनी का कहना है कि खरीदी और परिवहन व्यवस्था को लगातार बेहतर किया जा रहा है. समितियों की क्षमता सीमित होने के बाद भी किसानों को धान बेचने में कोई असुविधा न आए, इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. समितियों को निर्देश दिया गया है कि वे समिति में जो भी जगह शेष है वहां समय पर धान से भरे बोरों का स्टेकिंग करें. साथ ही जिले के विभिन्न केंद्रों में आवश्यकतानुसार बारदाना (बोरी) की उपलब्धता, तुलाई व्यवस्था, परिवहन और मिलर्स से समन्वय की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.
समयसीमा पर किसानों को मिलेगा मुआवजा
कलेक्टर दीपक सोनी ने साफ कहा है कि किसानों को मुआवजा, बोनस, भुगतान और खरीदी से जुड़े सभी कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरे किए जाएंगे. आगामी दिनों में उठाव की गति और बढ़ाई जाएगी, इसके लिए राज्य को पत्र लिखा गया है. साथ ही खरीदी की लिमिट भी बढ़ेगी, जिससे समितियों में जहां किसान ज्यादा संख्या में धान बेचने पहुंच सकेंगे. वहीं समितियों में जगह खाली होती रहेगी और खरीदी का चक्र तेजी से संचालित हो सकेगा. कुल मिलाकर बफर लिमिट के बावजूद प्रभावी प्रबंधन से धान खरीदी की व्यवस्था जिले में सुचारू रूप से जारी है.
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